नई दिल्ली। देश की 23 बीमा कंपनियों के पास बीमाधारकों के 15,167 करोड़ रुपए बिना दावे के पड़े हैं। इस पैसे का कोई लेनदार नहीं है। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से इस तरह के बीमाधारकों की पहचान करने और उन्हें उनका पैसा देने के निर्देश दिए हैं। हर बीमा कंपनी में पॉलिसीधारक की सुरक्षा के लिए बनाई गई निदेशक स्तरीय समिति को जिम्मेदारी दी गई है कि वह बीमाधारकों के सभी बकायों का समय से भुगतान करे।
बिना दावे वाली कुल 15,166.47 करोड़ रुपए की राशि में से भारतीय जीवन बीमा निगम के पास अकेले ही 10,509 करोड़ रुपए पड़े हैं जबकि निजी क्षेत्र की अन्य 22 बीमा कंपनियों के पास ऐसे 4,657.45 करोड़ रुपए पड़े हैं जिनका कोई दावेदार सामने नहीं आ रहा है। निजी बीमा कंपनियों में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के पास 807.4 करोड़ रुपए, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के पास 696.12 करोड़ रुपए, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के पास 678.59 करोड़ रुपए और एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस में 659.3 करोड़ रुपए पड़े हैं।
इरडा ने इन जीवन बीमा कंपनियों से कहा है कि वह सभी अपनी वेबसाइट पर एक खोज सुविधा उपलब्ध कराएं जिस पर पॉलिसीधारक अथवा लाभार्थी या फिर उनके परिवार के सदस्य इस बात का पता लगा सकें कि क्या उनका कोई बकाया कंपनी के पास लंबित है?
पॉलिसीधारक को बीमा कंपनियों की वेबसाइट पर अपना पॉलिसी नंबर, पैन, नाम, जन्मतिथि और आधार नंबर आदि डालना होगा। बीमा कंपनियों से यह भी कहा गया है कि वह हर 6 महीने में उनके पास पड़ी बिना दावे के बीमा राशि के बारे में जानकारी को अद्यतन करें। (भाषा)