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जेट के पास न सैलरी के लिए पैसा, न हवाई अड्‍डा शुल्क चुकाने का, हो सकता है उड़ानों पर असर

हमें फॉलो करें जेट के पास न सैलरी के लिए पैसा, न हवाई अड्‍डा शुल्क चुकाने का, हो सकता है उड़ानों पर असर
, सोमवार, 19 नवंबर 2018 (17:48 IST)
मुंबई। जेट एयरवेज के पायलटों ने कंपनी को चेतावनी दी है कि यदि 30 नवंबर तक उनका बकाया वेतन नहीं दिया तो वे अगले माह से अतिरिक्त ड्‍यूटी नहीं करेंगे। कंपनी घाटे की वजह से कंपनी कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं दे पा रही है। 
 
सूत्रों की मानें तो जेट के पायलटों ने फैसला लिया है कि यदि 30 नवंबर तक उनका बकाया वेतन नहीं मिलता है तो वे एक दिसंबर से अतिरिक्त ड्यूटी पर नहीं करेंगे। गौरतलब है कि बोइंग 737 बेड़े के पायलटों को ओवरटाइम करना पड़ रहा है। इसके साथ ही पायलट की कमी के चलते ही रविवार को 10 फ्लाइट रद्द करना पड़ी थीं। 
 
जेट एयरवेज को चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में 260 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। वह अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है। साथ ही तेल विपणन कंपनियों को विमान ईंधन के मद में पैसे देने में भी उसे दिक्कत आ रही है।
 
जानकारी के मुताबिक जेट एयरवेज के करीब 1600 कर्मचारियों, टेक्निकल स्टाफ और मैनेजमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों को सितंबर में आधा वेतन मिला था। उन्हें अब तक अक्टूबर की सैलरी भी नहीं मिली है। जेट एयरवेज के सीईओ विनय दुबे ने कहा था कि करीब 15 फीसदी कर्मचारियों को वक्त पर तनख्वाह नहीं मिली।
 
सूत्रों के मुताबिक एक पायलट को हर महीने 75 से 80 घंटे उड़ान भरनी होती है। बोइंग 737 बेड़े को पायलटों की कमी के कारण ज्यादा ओवरटाइम करना पड़ रहा है। जेट पायलट हर महीने 90 घंटे तक उड़ान भर रहे हैं।
 
हवाई अड्‍डा शुल्क भरने के लिए मांगा समय : जेट एयरवेज ने हवाई अड्डा शुल्कों के भुगतान के लिए भी अतिरिक्त समय मांगा है। नागर विमानन सचिव राजीव नयन चौबे ने बताया कि जेट एयरवेज हवाई अड्डा संचालकों को शुल्कों का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त समय चाहती है। उन्होंने कहा कि यह हवाई अड्डा संचालकों और निजी एयरलाइंस के बीच की बात है तथा सरकार इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।
 
एएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि जेट एयरवेज के कुछ शुल्क बकाया हैं। हालांकि उन्होंने बकाया राशि बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के अपने नियमों तथा विमान सेवा कंपनियों से वित्तीय आश्वासनों को देखते हुए कई बार शुल्क भुगतान के लिए अतिरिक्त समय दिया जाना आम बात है। (वार्ता/वेबदुनिया)

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