मुंबई/नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कई एजेंसियों की जांच के जोर पकड़ने के बाद बैंकों के कई कार्यकारी एवं निदेशक तथा सरकारी अधिकारी जांच के घेरे में हैं। बंद हो चुके किंगफिशर एयरलाइंस को ऋण देने में नियमों का उल्लंघन करने को लेकर यह जाचं हो रही है। नियामकीय एवं बैंकिंग सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) किंगफिशर एयरलाइंस मामले में हुई गड़बड़ियों के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने वाला है। सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस एवं अधिकारियों द्वारा गलत किए जाने के संकेत दिए हैं तथा कंपनी संचालन में गंभीर गड़बड़ियों का अंदेशा जताया है।
सूत्रों ने बताया कि एयरलाइंस को बिना पर्याप्त आधार के ऋण देने में बैंक अधिकारियों की भूमिका तथा माल्या से कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि एसएफआईओ को जिन भी बैंकों द्वारा खामी मिली है, वे सभी जांच के दायरे में हैं।
एक सूत्र ने कहा, ‘कंपनी का बही-खाता कभी भी अच्छा नहीं था। उसकी क्रेडिट रेटिंग भी ऋण देने के लिए आवश्यक स्तर से कम थी। उसके बाद भी बैंकों ने प्रक्रिया को अनदेखा करते हुए ऋण दिया।’
सूत्रों के अनुसार, जांचकर्ताओं ने यह भी पाया है कि किंगफिशर ब्रांड के मूल्यांकन के संबंध में बैंकों ने एक ही मूल्यांकन के आधार पर ऋण देने की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी। हालांकि इसके लिए कम से कम दो अलग मूल्यांकन रिपोर्ट अनिवार्य था।
कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय के अधिकारी एसएफआईओ की रिपोर्ट पर टिप्पणी देने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। माल्या ने भी सवालों का तत्काल जवाब नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार, एजेंसियों ने एयरलाइंस को ऋण देने वाले बैंकों से कुछ जानकारियां भी मांगी हैं। (भाषा)