Electric Vehicle policy : मोदी सरकार ने भारत को विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति को मंजूरी दे दी। नीति के तहत किसी कंपनी को न्यूनतम 50 करोड़ डॉलर (4,150 करोड़ रुपए) का निवेश करना जरूरी होगा। यह विभिन्न शुल्क रियायतों की भी हकदार होगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि इस नीति के तहत भारत को ईवी के विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने और प्रतिष्ठित वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने का प्रयास किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि यह भारतीय उपभोक्ताओं को नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करेगा, मेक इन इंडिया (भारत में उत्पादन करो) पहल को बढ़ावा देगा, ईवी कंपनियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर ईवी परिवेश को मजबूत करेगा।
-
इससे इलेक्ट्रीक वाहनों का उत्पादन बढ़ेगा
-
EV वाहनों की उत्पादन की लागत कम होगी साथ ही आयात में कमी आएगी
-
कच्चे तेल का आयात कम होगा
-
व्यापार घाटा कम होगा
-
शहरों में वायु प्रदूषण कम होगा
-
स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में इलेक्ट्रिक वाहन तंत्र में विस्तार की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि कंप्रेस्ड बायोगैस परिवहन के लिए CNG और PNG में मिश्रण अनिवार्य होगा।