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18 सालों में पीएम मोदी को 5 तो राहुल गांधी को 6 बार मिला आयकर रिफंड

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, रविवार, 28 अप्रैल 2019 (22:22 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले 18 साल में कम से कम 5 बार आयकर रिफंड मिला है, वहीं इसी अवधि में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 6 बार आयकर रिफंड मिला है। 
 
मोदी के मामले में आकलन वर्ष 2015-16 और 2012-13 के रिफंड को बकाया मांग के बदले समायोजित किया गया। जबकि राहुल गांधी के मामले में 2011-12 के रिफंड को बकाया मांग के एवज में समायोजित कर लिया गया। 
 
आयकर विभाग के कर सूचना नेटवर्क द्वारा रिफंड की स्थिति पर ऑनलाइन प्रदान की जाने वाली सेवा के जरिए यह जानकारी मिली है। कर सूचना नेटवर्क का प्रबंधन एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
 
इस मंच पर आकलन वर्ष 2001-02 के बाद से किसी व्यक्ति की स्थायी खाता संख्या (पैन) के आधार पर उसके रिफंड का ब्योरा जाना जा सकता है। ये पैन नंबर लोकसभा चुनाव के लिए इन नेताओं द्वारा दिए गए हलफनामे से हासिल किए गए। 
 
राहुल गांधी की माता कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को भी 2001-02 से कम से कम पांच आकलन वर्षों के दौरान आयकर रिफंड मिला है। हालांकि उनके मामले में रिफंड को किसी भी बकाया मांग के लिए समायोजित नहीं किया गया। 
 
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इन 18 वर्षों के दौरान केवल एक बार रिफंड प्राप्त हुआ। उनके रिफड को आकलन वर्ष 2015-16 की बकाया मांग के लिए समायोजित किया गया। 
 
हालांकि इस पोर्टल पर रिफंड की राशि का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसमें रिफंड या समायोजन की तारीख, चालान संख्या और भुगतान के माध्यम (चेक या सीधे खाते में स्थानांतरण) का उल्लेख है। 
 
रिफंड की स्थिति पर रिकॉर्ड के अनुसार मोदी को 2018-19 के लिए रिफंड 26 सितंबर, 2018 को सीधे उनके खाते में मिला। इसी साल के लिए सोनिया गांधी को 6 अक्टूबर 2018 को और राहुल गांधी को 26 मार्च 2019 को रिफंड मिला। 
 
मोदी को आकलन वर्ष 2016-17 में 16 अगस्त 2016 को सीधे खाते में राशि के हस्तांतरण के जरिए रिफंड मिला। 2013-14 के रिफंड का चेक उन्हें 7 जनवरी, 2015 को मिला, 2010-11 के लिए 9 जनवरी 2015 को 2006-07 के लिए 11 अक्टूबर, 2007 को मिला। आकलन वर्ष 2015-16 और 2012-13 के लिए उनका रिफंड बकाया मांग को लेकर समायोजित किया गया। मोदी मई, 2014 में प्रधानमंत्री बने। 
 
राहुल गांधी के मामले में उनका 2011-12 का रिफंड 1 फरवरी, 2012 को बकाया मांग के लिए समायोजित किया गया। उसी साल के लिए उनका रिफंड चेक 13 फरवरी, 2012 को मिला। उनके अन्य रिफंड आकलन वर्ष 2017-18, 2016-17, 2012-13 और 2007-08 के लिए प्राप्त हुए। सोनिया गांधी को आकलन वर्ष 2016-17, 2012-13, 2008-19,2007-08 और 2018-19 के लिए रिफंड मिले। 
 
दिलचस्प तथ्य यह है कि राहुल और सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने हलफनामे में कहा है कि आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2011-12 के लिए उनके खिलाफ पुन: आकलन की प्रक्रिया शुरू की है और विभाग ने 31 दिसंबर, 2018 को कर मांग के लिए पुन: आकलन का आदेश दिया है। आयकर विभाग की इस प्रक्रिया को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है।

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