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देश में बनेगी पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री : आरबीआई

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मुंबई , बुधवार, 2 अगस्त 2017 (19:53 IST)
मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को उधारकर्ता की साख के बारे में अधिक, विश्वसनीय और अद्यतन आँकड़े उपलब्ध कराने के लिए दुनिया के अन्य देशों की तर्ज पर देश में भी पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (पीसीआर) बनाने का फैसला किया है। इसके लिए जल्द ही एक कार्यबल का गठन किया जाएगा।
 
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में बताया कि इस संबंध में एक कार्यबल बनाने का फैसला किया गया है। इसमें विशेषज्ञ तथा हितधारकों को शामिल किया जाएगा। कार्यबल भारत में साख के बारे में सूचना की मौजूदा उपलब्धता की समीक्षा करेगा और मौजूदा खामियों को पीसीआर द्वारा भरने की संभावनाओं पर विचार करेगा। साथ ही वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद मानदंडों का अध्ययन कर देश में पारदर्शी, वृहद और नीयर-रियल टाइम पीसीआर के विकास के लिए प्राथमिकताओं समेत एक रोडमैप के बारे में भी सुझाव देगा।
 
आरबीआई ने कहा है कि दुनिया भर में ऋण बाजार को ज्यादा सक्षम बनाने के लिए तथा ऋणदाता और उधारकर्ता के बीच सूचनाओं की कमी को दूर करने के लिए निजी 'क्रेडिट ब्यूरो' या 'पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री' है। आमतौर पर इनका संचालन केंद्रीय बैंक या किसी निगरानी प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। देश में इस समय चार साख सूचना कंपनियां सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीआरआईएफ हाईमार्क हैं। इनका नियमन आरबीआई द्वारा किया जाता है। आरबीआई ने इस काम के लिए सेंट्रल रिपॉजिट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन ऑन लॉर्ज क्रेडिट्स का गठन किया है।
 
उसने बताया कि पीसीआर बन जाने के बाद बैंकों को ग्राहकों की साख और ऋण की कीमत (ब्याज दर) के आँकलन में आसानी होगी। साथ ही वे जोखिम आधारित परिवर्तनीय प्रावधान भी कर सकेंगे। इससे रिजर्व बैंक को भी यह समझने में मदद मिलेगी कि नीतिगत दरों में किए गए बदलाव का लाभ हस्तांतरण पूरी तरह हो रहा है या नहीं। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो इसमें आ रही बाधाओं को पहचानना सरल हो जाएगा।
 
बयान में यह भी कहा गया है कि साख सूचना कंपनियां साख सूचना रिपोर्ट में सीमित आंकड़े उपलब्ध कराती हैं। मसलन वे वाणिज्यिक आंकड़े, उपभोक्ता आंकड़े और मौद्रिक वित्तीय संस्थानों के आंकड़े अलग-अलग उपलब्ध कराते हैं। इसलिए आरबीआई ने साख सूचना कंपनियों को यह निर्देश जारी करने का निर्णय किया है कि वे सभी मॉड्यूलों साख संबंधी पूरी सूचना उपलब्ध कराएं। (वार्ता)

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