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गरीब की थाली से दूर हुई दाल

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, शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2015 (15:45 IST)
दालों के भाव इन दिनों आसमान को छू रहे हैं। भाव बढ़ने की वजह त्योहारों का होना बताया जा रहा है, जो सही नहीं है। असल में देश लगातार दो साल से सूखे की चपेट में है और अल्प वर्षा के कारण दलहन का उत्पादन भी कमजोर पड़ा है। यही वजह है कि गरीबों की दाल उनसे दूर होती चली जा रही है। जिस प्रकार से दाल के भावों में बेहताशा बढ़ रहे है, उससे कहना मुश्किल है कि आने वाले त्योहारों में ये और कितनी महंगी होंगी? सरकार भी दाल के मामले में मांग और पूर्ति का सही आंकलन नहीं कर सकी, इसी कारण 7 हजार टन दाल आयात करने के बावजूद समस्या जस की तस बनी है। 
उत्पादन खपत में भारत था सबसे आगे : भारत में दाल का उत्पादन और खपत सबसे ज्यादा होती थी। सरकारी आंकड़ों की मानें तो एक साल में दालों के उत्पादन में करीब 10 से 12 प्रतिशत की कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार भारत में सालाना 2.2 करोड़ टन दाल की खपत होती है। देश में इस साल कुल 230 लाख टन दाल की खपत की संभावना है।  
 
उत्पादन में कमी के कारण : तीन दशक में भारत लगातार दूसरे वर्ष सूखे का सामना कर रहा है। मौसम की इस मार के कारण दाल का उत्पादन इस साल भी प्रभावित हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष सभी प्रमुख दालों का उत्पादन 173 लाख टन हुआ है, जबकि वर्ष 2013-14 में यह 192.5 लाख टन था। दाल के कम उत्पादन के कारण व्यापारियों की जमाखोरी भी उसकी कीमतें बढ़ने का एक बड़ा कारण है। स्टॉकिस्ट दालों की कमी देखते हुए इनका स्टॉक कर लेते हैं और जब इसके भाव बढ़ते हैं, तब बाजार में लाते हैं। सरकार की नींद दालों में बेतहाशा भाव वृद्धि के बाद नींद से जागी है। यह भी कीमतों में आग लगने का एक कारण माना जा सकता है। 
अगले पन्ने पर, सरकार ने ये उठाए कदम... 
 
 
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आयात करेगी सरकार : दाल की बढ़ती कीमत पर काबू पाने के लिए सरकार दाल का आयात कर बफर स्टॉक बनाएगी।, देश में इस वक़्त 20 लाख टन दाल की कमी है और सरकार ने अब तक 7,000 टन दाल आयात किया है। केंद्र ने राज्यों से दालों का स्टॉक खरीदकर बाजार में कम कीमत पर दाल सप्लाई करने को कहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई कि सरकार के कदम से दाल की कीमतों में कमी आएगी।
अगले पन्ने पर, तुवर की दाल ने लगाया दोहरा शतक... 
 

अरहर की दाल ने तो दोहरा शतक लगा दिया है। देखें स्थानीय बाजार के मुताबिक भाव- 
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अरहर की दाल ने लगाया दोहरा शतक (भाव प्रति किलो में) 
माह        भाव 
फरवरी     90 
मार्च     95 
अप्रैल    100 
मई     115 
जून     118 
जुलाई   125 
अगस्त   150 
सितंबर   169 
अक्टूबर  200 
अगले पन्ने पर, दाल ने बनाया मालामाल...
 
 

भारत से कनाडा के किसान मालामाल : भारत, कनाडा, रूस, म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया से दलहनों का आयात करता है। भारत के लिए कनाडा दालों का सबसे बड़ा आयातक देश है। भारत में दाल उत्पादन कम होने के कारण कनाडा के किसान मालामाल हो गए हैं। खबरों के अनुसार वे दालें पचास प्रतिशत अधिक दामों पर बेच रहे हैं। कुछ किसान तो अभी भी दालों का स्टॉक कर और कीमतें बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। 

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