नई दिल्ली। उद्योग संगठन एसोचैम (ASSOCHAM) ने अगले वित्त वर्ष के आम बजट (Budget 2023) में आयकर (Income Tax) छूट की सीमा को 5 लाख रुपए का सुझाव दिया है। संगठन के अध्यक्ष सुमित सिन्हा ने प्रेस कॉन्फेंस में बजट पूर्व दिए गए अपने सुझावों को साझा करते हुए कहा कि इससे करदाताओं के पास व्यय के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा जिससे अर्थव्यवस्था में खपत बढाने में मदद मिलेगी और इससे अर्थव्यवस्था को पटरी लाने में भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अभी बगैर किसी छूट की आयकर की सीमा 2.50 लाख रुपए है।
कर संग्रहण में तेजी : सिन्हा ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में आयी तेजी से सरकार को आयकर छूट की सीमा बढ़ाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार को ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पाद को भी प्रोत्साहित करने की दिशा में काम करना चाहिए क्योंकि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक देश बनने की दिशा में बढ़ना है। इसके साथ ही रोजगार वृद्धि के लिए टिकाऊ और हरित विनिर्माण पर भी जोर देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि विनिर्माण सुरक्षा से अधिक महत्व आर्थिक सुरक्षा को दिया जाना चाहिए। ग्रीन अर्थव्यवस्था, ऊर्जा स्वतंत्रता, हरित उद्योग में निवेश और जैव ईंधन की खपत को कम करने पर भी जोर होना चाहिए। ये सभी कदम आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक है।
जीएसटी में विलंब शुल्क में कटौती : उन्होंने कहा कि सेवा सहित सभी क्षेत्रों में विनिर्माण के क्षेत्र में होने वाले नये निवेश के लिए कार्पोरेट कर की दर को 15 प्रतिशत निर्धारित किया जाना चाहिए और सतत निवेश को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी भुगतान में विलंब पर लगने वाले 18 प्रतिशत शुल्क को कम कर 12 प्रतिशत किया जाना चाहिए। 18 प्रतिशत ब्याज दर छोटे उद्योग के लिए बहुत अधिक है। (वार्ता) Edited by Sudhir Sharma