मुंबई। अमेरिकी मुद्रा के मजबूत बने रहने और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच मंगलवार को रुपया शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले अब तक के अपने निम्नतम स्तर 80.05 रुपया प्रति डॉलर पर आ गया।
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 के भाव पर खुला लेकिन थोड़ी ही देर में 80.05 के स्तर पर आ गया। यह पिछले बंद भाव की तुलना में सात पैसे की कमजोरी दर्शाता है।
सोमवार को रुपया पहली बार 80 का स्तर छूने के बाद 79.98 के भाव पर बंद हुआ था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.35 प्रतिशत गिरकर 105.90 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 156.08 करोड़ रुपए मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी।
क्यों गिर रहा है रुपया : डॉलर के मुकाबले यह साल रुपए के लिए अच्छा नहीं रहा है। 2022 की शुरुआत से ही रुपए की कीमत में गिरावट दर्ज की जा रही है। यूक्रेन युद्ध के शुरू हो जाने के बाद से संकट और बढ़ गया। 2022 में रुपए की कीमत करीब 6 प्रतिशत गिर चुकी है।
रुपए के गिरने के सबसे बड़े कारणों में से विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजारों से बेरूखी है। विदेशी निवेशकों का पैसे निकाल लेना इस बात का संकेत है कि वो भारत को इस समय निवेश करने के लिए सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं।
गिरावट का एक और कारण डॉलर सूचकांक का लगातार बढ़ना भी बताया जा रहा है। इस वजह से बाकी मुद्राएं डॉलर के मुकाबले गिर जाती हैं।