मुंबई। एशिया के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि कोविड- 19 की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह में सउदी अरामको के साथ 15 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बिक्री की योजना तय समय के मुताबिक आगे नहीं बढ़ सकी है।
मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम बैठक के मौके पर कहा कि हम अरामको के साथ अपने दो दशक लंबे रिश्तों का मूल्य समझते हैं, हम उनके साथ दीर्घकालिक भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने हालांकि इस बारे में कुछ नहीं कहा कि सौदे को लेकर सही दिशा में आगे बढ़ने अथवा इसके पूरा होने को लेकर कोई नई समय-सीमा भी नहीं बताई।
मुकेश अंबानी ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में अप्रत्याशित स्थिति और कोविड-19 महामारी के कारण सऊदी अरामको के साथ सौदा तय समय-सीमा के मुताबिक आगे नहीं बढ़ पाया।
उन्होंने कहा कि कंपनी में कई पक्षों को भागीदारी का अवसर देने के लिए रिलायंस अपने तेल- पेट्रो रसायन कारोबार को अलग अनुषंगी के तौर पर खड़ा करना चाहता है। ‘इस प्रक्रिया को हम 2021 की शुरुआत तक पूरा कर लेने की उम्मीद कर रहे हैं।
मुकेश अंबानी ने पिछले साल अगस्त में तेल-पेट्रो रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी सऊदी अरामको को करने की घोषणा की थी। यह सौदा मार्च 2020 तक पूरा होना था, लेकिन इसमें देरी हुई है। तेल से लेकर पेट्रो रसायन कारोबार में रिलायंस की गुजरात के जामनगर स्थित दो रिफाइनरियां और पेट्रो-रसायन परिसंपत्तियां शामिल होंगी।
कंपनी की नई सालाना रिपोर्ट में अंबानी ने कोई समय-सीमा दिए बिना कहा है कि रिलायंस सऊदी अरामको के साथ रणनीतिक भागीदारी को पूरा करने के लिए काम कर रही है। अरामको के साथ भागीदारी से कंपनी की जामनगर रिफाइनरी की विभिन्न ग्रेड के कच्चे तेल की सुविधा और कच्चे माल की बेहतर सुरक्षा उपलब्ध होगी।
अंबानी ने कहा कि रिलायंस ने ईंधन के खुदरा कारोबार उद्यम में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपी को 7,629 करोड़ रुपए में बेचने का सौदा पूरा कर लिया है। (भाषा)