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SIP का कमाल, छोटी बचत में बड़ा फायदा, आप हो सकते हैं मालामाल

हमें फॉलो करें SIP का कमाल, छोटी बचत में बड़ा फायदा, आप हो सकते हैं मालामाल

नृपेंद्र गुप्ता

आम आदमी के सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उसके पास आमदनी कम होती है और खर्चे ज्यादा। ऐसे में उसके पास बचत के लिए न तो ज्यादा धन रहता है, न वह ज्यादा रिस्क लेने की स्थिति में होता है। ऐसे में उसे अपनी जरूरतों को ध्यान में रखकर एसआईपी के माध्यम से निवेश करना चाहिए। 
 
एसआईपी में आप लांग टर्म और शार्ट टर्म, दो तरह से निवेश कर सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसमें कितना पैसा कितने समय के लिए निवेश करें। इसमें सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप हर माह 500 रुपए भी इसमें जमा कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर मात्र 3 कार्यदिवसों में आप अपना पैसा वापस पा सकते हैं। 
 
SIP के माध्यम से छोटी छोटी बचत करना शायद शुरुआत में आकर्षक न लगे, लेकिन ये निवेशकों में बचत की आदत डालता है। इसके अलावा बाद में अच्‍छा रिटर्न भी मिलता है। 1000 रुपए महीने की SIP पर अगर 9% की दर से रिटर्न मिले तो 10 वर्षों में यह बढ़कर 1.4 लाख, 20 वर्षों में 3.3 लाख रुपए हो जाएगा। इसी तरह 30 साल में यह 5.8 लाख रुपए और 40 साल में 9.3 लाख रुपए हो सकता है। एसआईपी में कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है। 
 
शार्ट टर्म एसआईपी के फायदे : अगर आप शार्ट टर्म में एसआईपी में निवेश करना चाहते हैं तो आप दो-तीन साल के लिए निवेश कर सकते हैं। शार्ट टर्म एसआईपी में रिटर्न अच्छे मिलते हैं लेकिन इसमें रिस्क भी ज्यादा रहता है।
 
लांग टर्म निवेश के फायदे : आपकी एसआईपी जितने ज्यादा पुरानी होती जाएगी उसका रिस्क भी उतना कम होता चला जाएगा। थोड़ा-थोड़ा पैसा जुड़कर बड़ा अमाउंट हो जाएगा और जरूरत के समय यह आपके काम आएगा। आप अगर लक्ष्‍य निर्धारित कर एसआईपी करते हैं तो यह आपके लिए वरदान है।
 
जैसे आप अपने 3 साल के बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए 15 साल के लिए 500 रुपए प्रतिमाह की एसआईपी करते हैं तो हो सकता है कि उस समय यह आपको पूरी तरह चिंता से मुक्त कर दें। इसी तरह बच्चों की शादी और अन्य जरूरी कार्यों के लिए भी आप छोटी-छोटी एसआईपी का सहारा ले सकते हैं।     
 
टैक्स सेविंग फंड्स : अगर इन फंड्स में निवेश को तीन साल से अधिक समय तक बनाए रखा जाए तो ये टैक्स के लिहाज से भी निवेशकों को ज्यादा सहूलियत देते हैं। साथ ही, ये ज्यादा रिटर्न भी दे सकते हैं।
 
कैपिटल गैन टैक्‍स : इक्विटी म्‍युचुअल फंड में जो भी निवेश 365 दिन से कम का होता है उस पर शार्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्‍स लगता है। इसे निवेशक की आय में जोड़ा जाता है और उसी हिसाब से टैक्‍स देना होता है। जो निवेश 365 दिनों से ज्‍यादा का होता है उसे लॉग टर्म कैपिटल गैन का फायदा मिलता है।
 
बहरहाल अगर आप कम पैसे में बचत और निवेश दोनों का मजा लेना चाहते हैं तो एसआईपी आपके लिए बेस्ट है। शेयर बाजार में पैसा लगाने पर इसके डूबने की संभावना ज्यादा है जबकि म्युचुअल फंड विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में आपका पैसा बाजार में लगाते हैं। इसमें नुकसान की संभावना कम होती है। इन पर नजर रखने के लिए एम्फी नामक संस्‍था भी है। सभी म्युचुअल फंड इसी के निर्देश पर काम करते हैं। 

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