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मीडिया में चल रहे 'इंफोसिस ड्रामे' से सिक्का दुखी

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हमें फॉलो करें Vishal Sikka
, सोमवार, 13 फ़रवरी 2017 (23:14 IST)
नई दिल्ली/ बेंगलुरु। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के नामी-गिरामी सह-संस्थापकों के साथ खींचतान में उलझे कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का ने सोमवार को कहा कि उनकी कंपनी को लेकर मीडिया में चल रहा 'ड्रामा' बहुत अधिक ध्यान भंग करने वाला है। इस बीच हालांकि कंपनी के सबसे लंबे समय तक चेयरमैन रहे एनआर नारायणमूर्ति ने कंपनी संचालन के मानकों से जुड़ी चिंताओं पर बल दिया है और कहा है कि इसका समुचित तरीके से समाधान किया जाना चाहिए।
 
नारायणमूर्ति, नंदन नीलेकणि और कृष गोपालन के कंपनी के संचालन से जुड़े मुद्दों पर प्रश्न उठाने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर कोई टिप्पणी करते हुए सिक्का ने कहा कि कंपनी का ताना-बाना बहुत मजबूत आधार पर बुना गया है।
 
मुंबई में एक निवेशक सम्मेलन में उन्होंने कहा, यह (मीडिया की चर्चा) हमारा सारा ध्यान खींचती है लेकिन अगर इससे परे देखा जाए तो एक बहुत मजबूत ताना-बाना है, जिस पर कंपनी का आधार टिका है। सिक्का ने कहा, मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैं इसका नेतृत्व कर रहा हूं। उन्होंने कहा, मेरे नारायणमूर्तिजी के साथ बहुत ही आत्मिक और सौहार्द्र पूर्ण संबंध रहे हैं।
 
संस्थापकों के साथ उनके संबंध के बारे में पूछे जाने पर सिक्का ने कहा, संस्थापकों के साथ मेरे संबंध..? ये बहुत अच्छे हैं। मैं मूर्तिजी से अक्सर मिलता रहता हूं, मेरे मूर्तिजी के साथ संबंध बहुत ही हार्दिक और गर्मजोशीभरे रहे हैं। मैं उनसे साल में 4-5 बार मिल लेता हूं।
 
सिक्का का यह बयान ऐसे समय आया है जब कंपनी के संस्थापकों द्वारा कंपनी के प्रबंधन को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई हैं और इनको लेकर काफी विवाद बना हुआ है। चिंता के प्रमुख मुद्दों में सिक्का का वेतन बढ़ाकर 1.1 करोड़ डॉलर सालाना किया जाना और पूर्व कार्यकारी राजीव बंसल एवं डेविड केनेडी को कंपनी छोड़ने पर भारी राशि का भुगतान करना है। लेकिन इस मामले में मूर्ति ने कहा है कि उन्होंने कंपनी के संचालन से जुड़ी अपनी चिंताओं को वापस नहीं लिया है। उल्लेखनीय है कि इंफोसिस के सभी सह-संस्थापकों के पास कंपनी की कुल 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
 
नारायणमूर्ति ने कहा, नहीं, मैंने जो चिंता प्रकट की थी उसे वापस नहीं लिया है। बोर्ड को समुचित तरीके से इनका समाधान करना होगा। पूरी पारदर्शिता दिखाई जानी चाहिए और जिन लोगों का दायित्व बनता है उन्हें उत्तरदायित्व स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इंफोसिस के निदेशक मंडल में सभी लोग अच्छी नियत रखने वाले और बहुत ईमानदार हैं, पर अच्छे लोगों से भी कभी-कभी गलती हो जाती है। 
 
उन्होंने कहा, अच्छे नेतृत्व का फर्ज बनता है कि वह सभी संबद्ध पक्षों की चिंताओं पर ध्यान दे और निर्णयों का पुनर्मूल्यांकन करे तथा उसका परिमार्जन करे। मुझे उम्मीद है कि चीजें ठीक करने की कार्रवाई जल्द होगी और वे कंपनी के हित में संचालन व्यवस्था को अधिक अच्छा बना जाएंगे। 
 
कंपनी के कुछ संस्थापकों ने मुख्य कार्यकारी विशाल सिक्का का वेतन बढ़ाकर 1.1 करोड़ डॉलर किए जाने और दो पूर्व अधिकारियों राजीव बंसल (मुख्य वित्त अधिकारी) तथा डेविड केनेडी (महा-विधि परामर्शदाता) को नौकरी छोड़ने के समय दिए गए विदाई पैकेज पर आपत्तियां उठाते हुए इसे इंफोसिस की कार्य संस्कृति और संचालन परंपरा के खिलाफ बताया था। (भाषा) 

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