Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आम आदमी का सवाल, सितंबर तक बाजार में क्यों चलेंगे 2000 के नोट?

हमें फॉलो करें 2000 note

नृपेंद्र गुप्ता

, शनिवार, 20 मई 2023 (14:39 IST)
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2000 के नोट बंद करने का ऐलान कर दिया। हालांकि इन नोटों को एकदम बंद नहीं किया गया है। ये नोट 30 सितंबर तक लीगल टेंडर बने रहेंगे और बाजार में भी चलन में रहेंगे। अर्थात 30 सितंबर तक इनसे लेन-देन और खरीदारी की जा सकेगी। ऐसे में यह नोट उन लोगों के हाथ में भी पहुंचेंगे जिन्होंने महीनों से इन नोटों को नहीं देखा।
 
आप इन नोटों को 23 मई से 30 सितंबर तक बैंक जाकर बदल सकेंगे। हालांकि एक बार में 10 नोट ही बदले जा सकेंगे। बहरहाल इस फैसले ने लोगों को 8 नवंबर 2016 की नोटबंदी की याद जरूर दिला दी है। हालांकि देश में पहले भी कई बार 2000 के नोटों को लेकर अफवाह उड़ी थी। संसद में भी इस पर सवाल हुए थे।
 
रिजर्व बैंक 2000 के नोट चलन से बाहर करना चाहती है। उसने अपनी क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह कदम उठाया है। यह पॉलिसी 1999 में लागू की गई थी। इस पॉलिसी का उद्देश्य ग्राहकों को अच्छी गुणवत्ता वाले करेंसी नोट और सिक्के देना है। वैसे 2000 के नोटों को लाए जाने का उद्देश्य पूरा होने के बाद इन नोटों की छपाई 2018-19 में ही बंद कर दी गई थी। 2000 के 89 प्रतिशत नोट 2017 से पहले जारी किए गए थे। इनका एस्टिमेटेट जीवनकाल समाप्त हो गया था और यह नोट अब बाजार में चलन में भी नहीं दिखाई दे रहे थे।
 
अब सवाल उठ रहा है कि जब यह नोट आम आदमी की पहुंच से दूर है तो इन्हें बाजार में क्यों चलाया जा रहा है। 2000 का नोट बहुत बड़ा होता है। सरकार भी मानती है कि बाजार में आम लोगों को पास 2000 का नोट नहीं है।
 
कालेधन के रूप में इसका इस्तेमाल ज्यादा हो रहा था। रियल स्टेट कारोबार, डिब्बा, हवाला आदि में अभी भी बड़ी संख्या में 2000 के नोटों का इस्तेमाल होता है। रिश्वत के लिए इन नोटों का ही इस्तेमाल होता है। कहा जा रहा है कि इस फैसले से उन लोगों को दिक्कत होगी जिनके पास बड़ी संख्‍या में 2000 के नोट हैं। इनमें नेता, ठेकेदार और अधिकारी शामिल है।
 
देश में करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने महीनों से यह नोट नहीं देखा। अब सरकार के फैसले के बाद छुपा हुआ धन बाहर आएगा। जिनके पास यह नोट है वे लोग उसे बाजार में चलाएंगे। जब आम आदमी के पास यह नोट पहुंचेगा तो क्या उसकी घबराहट नहीं बढ़ेगी? एक-दूसरे को 2000 का नोट टिकाने के प्रयास में क्या विवाद नहीं बढ़ेंगे?
 
हालांकि 2000 के नोट वैध हैं, ऐसे में इसे लेने से कोई मना नहीं कर सकता। अगर कोई व्यक्ति या दुकानदार ऐसा करता है तो उसके खिलाफ IPC की धारा 489 ए और करेंसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया जा सकता है।
 
2016 की नोटबंदी के दौरान जब 500 और 1000 रुपए के नोट बंद हुए तब इनका लीगल टेंडर रद्द कर दिया गया था। इन्हें बाजार में नहीं चलाया जा सकता था। इस वजह से बैंकों में भारी भीड़ उमड़ी थी। इस बार भले ही बैंकों में कतार नहीं दिखाई दे लेकिन लोगों में दहशत बढ़ाने का काम जरूर करेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

प्रो. संजय द्विवेदी ने किया 'प्रिंसिपल्स ऑफ हॉर्टिकल्चर' पुस्तक का विमोचन