ब्रिटेन आर्थिक मंदी की चपेट में आ चुका है। यूरोप के कई देशों का भी हाल बेहाल है। इस वजह से अमेरिका समेत पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी को लेकर चिंता जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि 2023 में अमेरिका समेत दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाएं मंदी की चपेट में होगी।
टेस्ला और स्पेस एक्स के निवेशक विन्सेंट्यू ने ट्वीट कर कहा कि मैं 2023 में वास्तविक आर्थिक मंदी की उम्मीद कर रहा हूं, हमें आगे भी बड़े तूफान के लिए तैयार रहना होगा।
इस पर एलक मस्क ने जवाब देते हुए कहा कि ट्रेंड चिंताजनक है। फेड को तुरंत ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए। वे बड़े पैमाने पर एक गंभीर मंदी की संभावना को बढ़ा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दिग्गज कारोबारी और अमेजन के मालिक जेफ बेजोस ने लोगों से महंगी वस्तुएं नहीं खरीदने और खर्च पर लगाम लगाने की अपील की है। अमेजन और मस्क ने हाल ही में अपनी कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी की है। वर्ल्ड बैंक भी चेतावनी दे चुका है कि दुनिया खतरनाक मंदी की ओर बढ़ रही है।
क्या है आर्थिक मंदी : लंबे समय तक जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी और सुस्त पड़ जाती है, तब उस स्थिति को आर्थिक मंदी के रूप में परिभाषित किया जाता है। अर्थव्यवस्था जब बढ़ने की बजाय गिरने लगे, और ये लगातार कई तिमाहियों तक होती रहे, तब देश में आर्थिक मंदी की स्थिति बनने लगती है। इस स्थिति में महंगाई और बेरोजगारी तेजी से बढ़ती है। लोगों की आमदनी कम होने लगती है और शेयर बाजार में लगातार गिरावट दर्ज की जाती है।
क्या भारत पर भी मंडरा रहा है मंदी का खतरा : हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में भारत में आर्थिक मंदी से जुड़ी आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का सवाल ही नहीं उठता। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि 2023 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मंदी की आशंका नहीं है।