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आसियान के बाजार में चीन भारत से आगे

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नई दिल्ली (एजेंसी) , गुरुवार, 29 नवंबर 2007 (09:46 IST)
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों द्वारा विश्वभर से किए जा रहे कुल आयात में भारतीय चीजों का हिस्सा ऊँट के मुहँ में जीरे के समान है जबकि वहाँ चीन अपना निर्यात तेज बढ़ा रहा है।

भारत, आसियान द्विपक्षीय व्यापार पर उद्योग मंडल फिक्की की एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है आसियान के आयात में चीन से हो रहे आयात का हिस्सा भारत से 7 गुना बड़ा है।

अध्ययन के अनुसार पिछले दस वर्ष से वहाँ चीन और भारत के बीच अंतर बढ़ता ही जा रहा है। आसियान देशों के आयात में भारत का हिस्सा 1997 से 2006 के बीच 3 प्रतिशत से बढ़कर 1.6 प्रतिशत पर पहुँच गया है। इसी दौरान चीन का हिस्सा 3.7 प्रतिशत से 11.4 प्रतिशत हो गया।

फिक्की ने 2006 में भारत से आसियान को भेजी गई निर्यात वस्तुओं की सूची में शीर्ष 25 वस्तुओं का अध्ययन किया।

इनमें से 20 में चीन का निर्यात भारत से बहुत ऊँचा रहा। इन वस्तुओं में सिले वस्त्रों के मामले में आसियान के कुल आयात में चीन का हिस्सा भारत के 4 प्रतिशत की तुलना में दो प्रतिशत रहा।

इसी तरह लोहा और इस्पात वर्ग में भारत के दो प्रतिशत के मुकाबले चीन 15 प्रतिशत, मशीनरी और उपकरण में भारत के एक प्रतिशत से कम हिस्से के मुकाबले चीन 18 प्रतिशत लोहे और इस्पात से बनी वस्तुओं में चीन का हिस्सा 14 प्रतिशत और भारत का हिस्सा एक प्रतिशत है।

इसी तरह बिजली की मशीनों और विविध प्रकार के रसायनों के मामले में भी चीन का हिस्सा भारत से बहुत ऊँचा रहा।

भारत के कुल व्यापार में आसियान का हिस्सा 1997 से 2006-07 के बीच 8 से 10 प्रतिशत के बीच रहा जबकि इसी दौर आसियान के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा डेढ़ से दो प्रतिशत के बीच रहा।

वर्ष 2006-07 में आसियान क्षेत्र को भारत का निर्यात बढ़कर 12 अरब 60 करोड़ डॉलर के बराबर रहे। इसी दौरान आयात 60 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 18 अरब डॉलर हो गया।

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