प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह के साथ सोमवार को हुई बैठक के बाद भी देश के उद्योग जगत में विश्वास का अभाव दिखा और वह एक-दो साल में विकास की दशा और दिशा को लेकर चिंतित है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (फिक्की) के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वर्तमान विश्व आर्थिक संकट के कारण में उद्योगों के सामने में विश्वास का संकट पनप रहा है। सरकार की तरफ से आने वाले साल में आर्थिक विकास के बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलने के कारण नए निवेश को लेकर उद्योग जगत चिंतित है।
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद बातचीत में चंद्रशेखर ने कहा कि उद्योगों की चिंता वर्ष 2009-10 और 2010-11 में विकास परिदृश्य को लेकर है।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर राष्ट्रीय टेलीविजन पर यह कहते हैं कि अगले वर्ष क्या आर्थिक तस्वीर बनेगी इस बारे में वह कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। गवर्नर के इस तरह के बयान से उद्योगों में विश्वास का संकट पनप रहा है।
चंद्रशेखर ने कहा कि आज मुख्य समस्या धन की तंगी की नहीं है बल्कि वास्तविक समस्या बैंकों से कर्ज मिलने की है। बैंकों के पास नकदी उपलब्ध है, लेकिन वह उद्योगों को कर्ज नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने रिजर्व बैंक की महँगाई पर केन्द्रित ऋण नीति को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंक का जोर आर्थिक विकास पर होना चाहिए महँगाई पर नहीं।