नई दिल्ली। एक स्थानीय उपभोक्ता मंच ने हांगकांग एंड शांघहाए बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) से अपने एक क्रेडिट कार्डधारक को 20000 रुपए का मुआवजा देने को कहा है। बैंक ने इस ग्राहक से उसके अतिरिक्त (एडऑन) कार्ड पर बकाया का भुगतान करने की मांग की थी, जो उसे कभी मिले ही नहीं।
नई दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निपटान मंच ने कहा है कि नए कार्ड का कोई बिल या उनकी डिलीवरी का सबूत नत्थी नहीं करना बैंक की गलत मंशा को दिखाता है। मंच ने कहा कि बैंक ने कभी नए कार्ड से जुड़े बिल या उनके डिलीवरी होने का सबूत नत्थी नहीं किया जो इस बात का संकेत है कि बैंक के अधिकारियों या किसी अन्य ने उनका दुरुपयोग किया।
सीके चतुर्वेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि वह वादी (शिकायतकर्ता) के नए कार्ड पर सारे कथित बकाया को समाप्त करे, जिसे उसने कभी उपयोग ही नहीं किया और ग्राहक को 2006 से लेकर 2013 तक बिना वजह हुई परेशानी और विवाद खर्च पर 20000 रुपए का मुआवजा दे।
बैंक से यह भी कहा है कि वह वादी दिल्ली निवासी रवि सेठ का नाम इस बिल में चूककर्ताओं की सूची से भी हटाए। सेठ ने बताया कि उसने बैंक से वर्ष 2006 में क्रेडिट कार्ड लिया था और उसके साथ ही अपनी पत्नी, बेटा और बेटी के लिए भी कार्ड देने के फार्म पर हस्ताक्षर कर दिए थे।
सेठ ने बताया कि उसे अतिरिक्त कार्ड कभी प्राप्त नहीं हुए, लेकिन बैंक के ग्राहक केन्द्र से उन्हें फोन कॉल मिलने लगे जिसमें कहा गया कि उनके अतिरिक्त कार्ड पर भारी राशि बकाया है। (भाषा)