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कच्चा तेल 100 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर

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सिडनी (वार्ता) , गुरुवार, 3 जनवरी 2008 (16:34 IST)
अमेरिकी भंडार में कमी की संभावना, डॉलर की घटती कीमत और भूराजनीतिक जोखिमों के कारण बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड स्तर को छू गई।

नव वर्ष के मौके पर कोषों की ओर से खरीदारी तथा नाइजीरिया और अल्जीरिया में हिंसा के कारण फरवरी के लिए यूएस लाइट क्रूड 100 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने के बाद आज 41 सेंट नीचे आकर 99.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई। लंदन ब्रेंट 39 सेंट नीचे 97.45 डॉलर रहा।

तेल की कीमतों में 2007 में 57 प्रतिशत उछाल आ चुका है। कई कोष प्रबंधक जिन्स की बढ़ती कीमतों के तथा उतार-चढ़ाव के एक और साल के लिए कमर कस रहे हैं। सोना भी कल रिकॉर्ड ऊँचाई को छू चुका है। अमेरिका में पिछले सप्ताह कच्चे तेल के भंडार में 22 लाख बैरल की कमी आई है।

कच्चे तेल के 100 डॉलर तक पहुँचने के बावजूद व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह देश के आपात कालीन कच्चे तेल भंडार के दरवाजे नहीं खोलेगा। लीबिया और कतर ने कहा है कि तेल निर्यातक देश बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की स्थिति में नहीं हैं।

इंडोनेशिया के ओपेक गवर्नर ने आज आगाह किया कि तेल की कीमतें 100 से 110 डॉलर के स्तर पर पहुँच सकती हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपूर्ति अपर्याप्त रहती है तो ओपेक एक फरवरी को वियना में होने वाली अपनी बैठक में आपूर्ति बढ़ाने के बारे में कोई फैसला कर सकती है। वैसे एक ईरानी अधिकारी ने दोहराया कि आपूर्ति की कोई कमी नहीं है।

ओपेक के सदस्य देशों नाइजीरिया और अल्जीरिया में हिंसा के ताजे दौर के कारण भी तेल की कीमतों में बड़ा उछाल आया है। नाइजीरिया के तेल शहर पोर्ट हरकोर्ट में मंगलवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने हमला कर 18 लोगों की हत्या कर दी।

फरवरी 2006 के बाद से उग्रवादियों के नियमित हमलों के कारण नाइजीरिया के तेल निर्यात में करीब 20 प्रतिशत कटौती हो चुकी है। अल्जीरिया में भी बुधवार को आत्मघाती हमला हुआ जिसकी जिम्मेदारी अल कायदा की उत्तर अफ्रीकी शाखा ने किया है।

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