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चीनी नरम, गेहूँ स्थिर

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नई दिल्ली (वार्ता) , रविवार, 26 अगस्त 2007 (18:25 IST)
खरीफ के दौरान तिलहनों का रकबा बढ़ने और त्योहारी माँग को पूरा करने के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा भारी मात्रा में तेल आयात की योजनाओं के समाचारों से बीते सप्ताह स्थानीय थोक बाजार में खाद्य तेलों में नरमी का रुख रहा। चीनी में भी यही रुझान रहा। चने में हल्की तेजी रही और गेहूँ टिका रहा।

अनाज सरकार ने गुरुवार को राज्य व्यापार निगम की ओर से गेहूँ आयात का नया वैश्विक टेंडर जारी कर दिया। इस बार कोई मात्रा तय नहीं की गई है। यह टेंडर अक्टूबर से दिसंबर के बीच बंदरगाहों पर डिलीवरी के लिए जारी किया गया है।

कारोबारी सूत्रों का कहना है कि गेहूँ आयात टेंडर की खबर से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूँ के भाव ऊँचे हो गए हैं। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में गेहूँ के भाव लगभग 7.43 डॉलर प्रति बुशेल यानी करीब 273 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं। सरकार को आयतित गेहूँ करीब 1600 रुपए प्रति टन के भाव में मिलने की उम्मीद है। सरकार ने जून में 5.11 लाख टन के लिए टेंडर जारी किया था।

स्थानीय मंडियों में गेहूँ की आवक 10 से 12 हजार बोरी के बीच बताई जा रही है। कारोबारियों का कहना है कि गेहूँ आयात से स्टाकिस्टों पर कुछ दबाव पड़ने की उम्मीद है। इसके भाव पिछले हफ्ते के 1015-1020 रुपए प्रति क्विंटल पर टिके रहे। मैदे में 1250-1260 रुपए पर 20 से 30 रुपए की तेजी रही। आटे और सूजी के भाव टिके रहे।

तेल-तिलहन सरकारी जानकारी के अनुसार खरीफ फसलों के तहत 24 अगस्त तक तिलहनों की बुवाई 167.93 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह रकबा 155.41 लाख हेक्टेयर ही था।

त्योहारी माँग को पूरा करने के लिए सरकारी एजेंसियों के बड़े पैमाने पर खाद्य तेल आयात करने की खबरे हैं। इन खबरों से स्थानीय मंडियों में खाद्य तेलों में नरमी का रुझान है।

बिनौला तेल में 4650 रुपए प्रति क्विंटल पर सबसे अधिक 200 रुपए की नरमी रही। सरसो तेल में 4900 रुपए पर 100 रुपए की कमजोरी रही। विदेशों में नरमी के समाचारों से पाम तेल में 4740 रुपए पर 160 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट रही। सोया तेल भी 4680 रुपए पर 120 रुपए टूट गया। मूँगफली, चावल छिल्का और तिल तेल के भाव पिछले सप्ताह के स्तर पर ही टिके रहे।

दाल-दलहन सरकारी जानकारी के अनुसार इस मौसम में अब तक 112.85लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दालों की बुवाई हुई है। दूसरी ओर पिछले साल की समान अवधि में यह आँकड़ा 105.05 लाख हेक्टेयर ही था।

बाजार सूत्रों के अनुसार धन की तंगी चलने से स्टाकिस्ट माल निकाल रहे हैं, जिससे दाल-दलहनों में नरमी का रुख है। उठाव भी कम बना हुआ है।

मूँग में महाराष्ट्र का नया माल काफी आने से इसके भाव 100 रुपए घटकर 2200-2600 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। उड़द के नए माल की आवक भी अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाने की उम्मीद है। चने के भाव 2350-2360 रुपए पर 10 रुपए प्रति क्विंटल की हलकी तेजी रही।

गुड़-चीनी खरीफ मौसम में गन्ने के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। अब तक 51.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना बोया जा चुका है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 48.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में भी इसकी बुवाई हुई थी।

कारोबारियों का कहना है कि महीने के अंतिम दिन होने के नाते स्टाकिस्ट धड़ाधड़ माल निकाल रहे हैं। इसके कारण इनकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। अगले महीने तक नया गुड़ भी बाजार में आ जाने की उम्मीद है।

मिल डिलीवरी चीनी 1245-1365 रुपए पर पाँच से 30 रुपए प्रति क्विंटल की कमजोरी रही। एम-30 में 1410-1495 रुपए के बीच पाँच रुपए नरम रही। एस-30 भी 1385-1445 रुपए पर पाँच से 20 रुपए कमजोर रही।

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