प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि संकट के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति सुधारने में जी-20 के सदस्य देशों की को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति में अभी पर्याप्त सुधार नहीं हुआ है।
यहाँ परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के साथ मनमोहनसिंह की मुलाकात के दौरान जी-20 की भविष्य की भूमिका पर चर्चा की गई। विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के इस समूह में भारत एक महत्वूपूर्ण सदस्य है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति सरकोजी, चासंलर एंजिला मार्केल और प्रधानमंत्री हार्पर के साथ चर्चा में संकट के बाद वैश्विक आर्थिक सुधार में जी-20 की भूमिका पर जोर रहा। अपनी अमेरिका की यात्रा के समापन पर सिंह ने कहा कि मैं जून में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा जाउँगा।
उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों के प्रमुखों के साथ बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि जी-20 के कामों को कैसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है लेकिन इसकी गति अभी धीमी है। उन्होंने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में को मौजूदा संकट से उबार का निरंतर वृद्धि के रास्ते पर लाने के विषय में समझौते के अलावा सुरक्षा परिषद तथा विश्व बैंक एवं मुद्रा कोष जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में बदलाव और वित्तीय क्षेत्र के विनियमन को लेकर अभी सवाल बरकरार है। (भाषा)