जम्मू एंड कश्मीर बैंक घाटी में युवकों को सरकारी नौकरियों के बजाय उन्हें निजी उद्योगों में रोजगार तलाशने के लिए प्रेरित करेगा और इसके लिए वित्तीय संस्थानों में रोजगार के हजारों अवसर बढ़ाएगा।
बैंक के अध्यक्ष हसीब द्राबू ने कहा है कि वित्तीय क्षेत्र का बाजार भारतीय उपमहाद्वीप में तीन खरब रुपए का है और इसके लिए उनका बैंक घाटी में पहल कर रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने कहा पिछले कुछ समय से सूचना तकनीक क्षेत्र में आई क्रांति के कारण बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों ने दुनिया में धूम मचाई है और आज असंख्य आईटी विशेषज्ञों के लिए रोजगार के असीमित अवसर पैदा हो रहे हैं। दुनियाभर से लाखों विशेषज्ञ इन शहरों में रोजगार की तलाश में आ रहे हैं।
द्रबू ने कहा कि एक समय था, जब जम्मू और कश्मीर भी आईटी क्षेत्र का मुफीद माना जाने लगा था, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ ऐसी स्थितियाँ उभरीं, जिनके कारण यह राज्य इसमें पिछड़ गया और अवसर का लाभ नहीं उठा सका।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया वित्तीय संकट से जूझ रही है और उनके लिए यह वित्तीय क्षेत्र के बाजार को अपनाने का बड़ा अवसर है और इस समय कोई चूक नहीं होगी।
द्राबू के मुताबिक वित्तीय क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने की पर्याप्त संभावनाएँ हैं और इस बार राज्य इस क्षेत्र में अपनी विशिष्टता हासिल करने के लिए कमर कसकर लग जाता है और उसे तीन खरब रुपए के वित्तीय बाजार में एक प्रतिशत सफलता भी मिलती है तो उन्हें इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल जाएगी।
वैश्विक आर्थिक मंदी को 1930 की मंदी से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि स्थितियाँ बहुत खराब हैं और आने वाले दिनों पर इसका बहुत बुरा असर देखने को मिलेगा। दुनिया के अर्थशास्त्रियों और नीति निर्धारकों के लिए यह सबसे संकट का समय है और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि किस तरह से स्थिति से निपटा जाए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान आर्थिक मंदी सिर्फ भारत के लिए नहीं है, बल्कि इसने 2008 में पूरे विश्व को रुलाया है। उन्होंने कहा इस मंदी का असर राज्य पर भी पड़ सकता है। कंपनियाँ मंदी के कारण बंद हो रही हैं और इससे लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो रहा है।