देश में तीसरी पीढ़ी की मोबाइल फोन सेवा के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी की नीलामी और टल सकती है क्योंकि इस नीलामी के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य के बारे में दूरसंचार विभाग (डीओटी) का कोई प्रस्ताव मंत्रिमंडल के लिए अभी नहीं भेजा गया है। आरक्षित मूल्य के संबंध में विभिन्न मंत्रालयों में एक राय नहीं बन सकी है।
सूत्रों के अनुसार अब लगता है कि डीओटी इस मामले पर अपना प्रस्ताव मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति के समक्ष अगले सप्ताह ही ले जाएगा। ऐसे में 16 जनवरी से शुरू की जाने वाली पुनर्निर्धारित नीलामी प्रकिया निर्धारित तिथि पर शुरू नहीं हो सकेगी।
इस प्रक्रिया के तहत तीव्र गति वायरलेस इंटरनेट सेवा वाली 3जी सेवा के स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी 30 जनवरी को की जानी है लेकिन मंत्रिमंडल की मंजूरी में विलम्ब के कारण नीलामी उस तारीख को शायद ही हो सके।
डीओटी ने 3जी स्पेक्ट्रम के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य 2020 करोड़ रुपए रखा था लेकिन वित्त मंत्रालय ने इसे दोगुना करने की सिफारिश की है। उद्योग और सूचना विभाग आरक्षित मूल्य 2020 करोड़ बनाए रखने के ही पक्ष में हैं।