वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते ऑटो उद्योग में मची अफरातफरी के बीच लगभग दो माह के भीतर रिकॉर्ड चार बंदी (ब्लॉक क्लोजर) झेल चुकी देश की विशालतम वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स के जमशेदपुर संयंत्र में ऑर्डर संकट के कारण जल्द ही एक और बंदी हो सकती है।
ट्रक, डंपर, ट्रिपर, ट्रेलर और अन्य मल्टी एक्सेल वाहन बनाने वाले इस संयंत्र में मंदीजनित ऋण संकट के कारण माँग में जबरदस्त गिरावट से 28 से 31 दिसंबर, आठ से 13 दिसंबर, 25 से 29 नवंबर तथा छह से आठ नवंबर तक चार बार आधिकारिक बंदी के कारण उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया था। कुल मिलाकर पिछले एक दशक में संयंत्र में मात्र छह बार ही इस तरह की बंदी की गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यहाँ बताया कि प्रबंधन ने कंपनी के श्रमिक संगठन टेल्को वर्कर्स यूनियन से एक और बंदी के बारे में अनौपचारिक चर्चा शुरू कर दी है।
दरअसल, प्रबंधन और यूनियन के बीच हुए समझौते के मुताबिक एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 18 दिन की बंदी की जा सकती है। यह अवधि इस वर्ष अब तक घोषित चार बंदियों के दौरान समाप्त हो चुकी है। प्रबंधन इस कानूनी अड़चन को दूर करने के लिए ही प्रबंधन से संपर्क साध रहा है।
समझा जाता है कि ऑर्डर संकट को देखते हुए यूनियन बंदी के लिए एक बार फिर राजी हो सकता है। सूत्रों ने बंदी के लिए कोई तिथि बताने में असमर्थता जताते हुए संकेत दिया कि यह जनवरी माह के भीतर संभावित है।
उत्पादन के मार्च में प्रतिदिन 450 इकाई से गिरकर वर्तमान में लगभग 100 इकाई प्रतिदिन से भी नीचे चले जाने के कारण इसके लगभग तीन हजार अस्थायी कर्मियों को पहले ही बैठाया जा चुका है तथा इस पर निर्भर लगभग छह सौ सहायक उद्योगों में भी उत्पादन कमोबेश ठप हो गया है। कंपनी में लगभग सात हजार स्थायी कर्मी काम करते हैं।