ढाँचागत उद्योगों में सुस्ती
वृद्धि दर घटकर 5.1 प्रतिशत
विश्वव्यापी आर्थिक संकट के बीच देश में ढाँचागत क्षेत्र के छह प्रमुख उद्योगों में भी धीमापन रहा और सितंबर 2008 में पिछले साल के मुकाबले इन उद्योगों की वृद्धि 0.7 प्रतिशत अंक घटकर 5.1 प्रतिशत रह गई।
अप्रैल से सितंबर की छमाही में तो स्थिति और भी खराब रही। अप्रैल-सितंबर 2007 में जहाँ इन उद्योगों की औसत वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही थी, वहीं इस साल की इसी अवधि में यह करीब आधी रहकर 3.9 प्रतिशत रह गई।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 26.7 प्रतिशत का वजन रखने वाले इन छह प्रमुख उद्योगों में सबसे खराब स्थिति कच्चे तेल उत्पादन की रही।
पिछले साल सितंबर में जहाँ कच्चे तेल का उत्पादन 0.7 प्रतिशत घटा था, वहीं इस साल इसमें 0.4 प्रतिशत की गिरावट रही। पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादां के मामले में भी 6.9 प्रतिशत के मुकाबले इस साल सितंबर में 2.8 प्रतिशत की कमजोर वृद्धि ही रही।
सितंबर 2008 में ढाँचागत उद्योगों में भारी गिरावट को थामने में कोयला और सीमेंट उद्योग की अहम भूमिका रही। कोयला उद्योग की वृद्धि दर इस साल सितंबर में पिछले साल के 6.3 प्रतिशत के मुकाबले 10.7 प्रतिशत रही।
सीमेंट उद्योग में 5.4 से बढ़कर 7.9 प्रतिशत तक की वृद्धि रही। छमाही अवधि में भी कोयला और सीमेंट उद्योग का प्रदर्शन ही बेहतर रहा, जबकि कच्चे तेल की उत्पादन वृद्धि पिछले साल छह महीनों में जहाँ 0.7 प्रतिशत बढ़ी थी, वहीं इस साल यह 0.8 प्रतिशत कम हुई है।