एक लाख रुपए की ड्रीम कार 'नैनो' का सपना आज अगर हकीकत बना है तो इसमें इस 36 साल के युवा इंजीनियर श्री गिरीश वाघ की बड़ी भूमिका है।
टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने 2005 में टाटा शीर्षस्थ प्रोफेशनलों की जिस टीम को यह काम सौंपा था, वह इस कार का कॉन्सेप्ट तक पेश नहीं कर पाई। इसके बाद टाटा ने यह काम स्मॉल ट्रक 'एस' बनाकर तारीफें पा चुके अपने इंजीनियर वाघ को सौंपा। वाघ जानते थे कि इसके लिए युवा इंजीनियरों की एक ऐसी टीम की जरूरत थी जो अलग तरीके से सोच सके। वाघ ने इंटरव्यू लेकर अपनी टीम को चुना।
500 लोगों की मेहनत : शुरुआती दिनों में टाटा ने इस प्रोजेक्ट को बेहद करीब से देखा। वाघ को प्रोजेक्ट की प्रगति के बारे में बार-बार अपने प्रेजेंटेशन देने के लिए मुंबई जाना पड़ता था। हालाँकि गिरीश वाघ इस प्रोजेक्ट के बारे में ज्यादा बताने को तैयार नहीं हुए लेकिन उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा लर्निंग एक्सपीरियंस था। हमें खुशी है कि हम इसे सच कर दिखाने में कामयाब हुए। (नईदुनिया)