परिधान उद्योग को करोड़ों का नुकसान
हर माह 12000 करोड़ रुपए का नुकसान
वैश्विक स्तर पर छाई आर्थिक मंदी से परेशान देश के परिधान उद्योग को हर माह 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कपड़ा निर्माण उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुत मेहता ने रविवार को यहाँ बताया कि मंदी से उबरने के लिए सरकार के आर्थिक राहत पैकेज का इस उद्योग पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इस उद्योग का संकट केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज के बावजूद जस का तस बना हुआ है और संकट के बादल और गहरा रहे हैं।
मंदी के कारण कई उद्योग बंद हो चुके हैं और कई ने अपना उत्पादन भी घटा दिया है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपड़ा उद्योग में मंदी का जो दौर छाया हुआ है उससे बाजार में कहीं भी आशा की किरण नजर नहीं आ रही है।
मेहता ने कहा कि उत्पादन मूल्य लगातार बढ़ रहे हैं और बाजार में मूल्य प्रतिस्पर्धा का दबाव तेज होता जा रहा है। कच्चे माल के मूल्य आसमान छू रहे हैं जिससे संकट और गहराता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में ऐसे कदम हर हाल में उठाने चाहिए जिससे इस उद्योग को बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत इस क्षेत्र का एक बड़ा खिलाड़ी बनाना चाहता है, लेकिन 2008-09 में 11.62 अरब डॉलर के लक्ष्य में 24 प्रतिशत की गिरावट के साथ उसकी सिर्फ 8.78 अरब डॉलर की ही हिस्सेदारी हो सकी है। परिधान उद्योग का वैश्विक बाजार 530 करोड़ डॉलर का है।