निजी भविष्य निधि (पीपीएफ) से संबद्ध तकरीबन 40 लाख कर्मचारियों को अपने पीएफ योगदान पर आयकर कर लाभों का घाटा होने का भय सताने लगा है।
इन निकायों को स्थायी मान्यता देने को लेकर सरकार ढुलमुल है। निजी तौर पर भविष्य निधि द्वारा निवेश एकाउंटिंग मानदंडों का उल्लंघन करने का तर्क देते हुए श्रम मंत्रालय का इस तरह के ट्रस्टों को अंतिम मंजूरी देने प्रति झुकाव नहीं है।
गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा अस्थायी मान्यता दिए जाने के तहत लगभग 2500 निजी भविष्य निधि ऑपरेशनल हैं, वहीं अस्थायी ईपीएफओ की मान्यता उन्हें कर में छूट का हकदार बनाती है।
पीपीएफ के बारे में : पीपीएफ खाते में प्रतिवर्ष 500 से लेकर 70,000 रुपए तक निवेश किया जा सकता है। इसमें जोखिम नहीं के बराबर होती है और रिटर्न भी आकर्षक होता है। यह आयकर कानून की धारा 80-सी के तहत कर बचत है। पीपीएफ में निवेश बचत और कर योजना के दोहरे उद्देश्य को पूरा करता है। इसमें लॉक-इन अवधि 7-15 वर्ष की होती है।