वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राजस्व बढ़ाने के लिए वाहन ईंधन के शुल्कों में फेरबदल किया, तो इधर पेट्रोलियम मंत्रालय अब सरकारी कंपनियों को लागत से कम कीमत पर ईंधन की बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए नए तरीकों पर जोर डाल रहा है।
पेट्रोलियम सचिव एस. सुंदरेसन ने कहा कि आईओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल जैसी खुदरा कंपनियों की वित्तीय स्थिति ठीक रखने के लिए जरूरी है कि आपूर्ति कम न हो और विस्तार पर निवेश हो। फिलहाल इन कंपनियों को पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और केरोसिन की बिक्री के कारण रोजाना 190 करोड़ रुपए का नुकसान होता है।
उन्होंने ईंधन और ल्यूब्रिकेंट पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी में कहा, ‘हमारे सामने तेल विपणन कंपनियों को नुकसान से बचाने की चुनौती है।’ इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल पर 4.97 रुपए प्रति लीटर, डीजल पर 3.27 रुपए प्रति लीटर, केरोसिन पर 16.91 रुपए प्रति लीटर और घरेलू गैस पर 267.39 रुपए प्रति सिलिंडर नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘पेट्रोलियम उत्पादों के सही मूल्य निर्धारण की जरूरत है ताकि कंपनियों को नुकसान न हो।’ (भाषा)