वामपंथी दलों की आपत्ति के बाद परमाणु सौदे को लेकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की व्यस्तता के बीच आम आदमी का मानना है कि सरकार को प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की दिशा में भी कदम उठाना चाहिए। प्याज की थोक कीमत पिछले सप्ताहभर में 11 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में एक मध्यम वर्गीय परिवार की महिला ने कहा कि प्याज 20 रुपए किलो हो गया है। इसे रोज खरीदना मुश्किल हो गया है। थोक बाजार में प्याज का औसत मूल्य 13 अगस्त को 962 रुपए प्रति क्विंटल था, जो 18 अगस्त को 1070 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
आजादपुर मंडी के थोक व्यापारी शेरसिंह ने बताया कि इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह प्याज की बाजार में आमद कम होना है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों में प्याज का स्टाक नहीं है।
देश की 36 प्रमुख मंडियों में प्याज की आमद पिछले शुक्रवार को घटकर 100.14 लाख टन रह गई। 13 अगस्त को आमद 120.76 लाख टन थी। दिल्ली में प्याज की आमद कम हो गई है। पिछले सप्ताह की शुरुआत में 1050 टन प्याज आया था, जो घटकर 600 टन रह गया।