सत्यम कम्प्यूटर मैटास अधिग्रहण मामले में बदनामी के बाद निवेशकों का विश्वास फिर जीतने की पूरी कोशिश में है। कंपनी ने इसी सिलसिले में उसने सोमवार को फॉरेस्टर की एक महीने भर पुरानी रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें कंपनी की सोच में बदलाव की तारीफ की गई है।
प्रौद्योगिकी अनुसंधान कंपनी फोरेस्टर ने पिछले सप्ताह ही सत्यम की व्यवसाय विविधीकरण में विफलता के प्रति आगाह किया है। सत्यम ने मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में दी गई एक सूचना में कहा है कि फॉरेस्टर ने 18 दिसंबर 2008 की अपनी रिपोर्ट में संगठनों को सत्यम की नई-नई व्यावसायिक रणनीतियों को अपनाने की सिफारिश की है।
वैसे इसी फर्म ने 31 दिसंबर की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सत्यम के सहयोगियों को इस कंपनी पर अपनी निर्भरता के बारे में फिर से सोचना चाहिए, ताकि कंपनी के बिकने की स्थिति में वे अपने हितों की रक्षा कर सकें।
फॉरेस्टर ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि सत्यम कम्प्यूटर को कंपनी के अध्यक्ष बी. रामलिंग राजू के परिवार द्वारा प्रवर्तित दो कंपनियों (मैटास) के अधिग्रहण के प्रयास में जो मुँह की खाना पड़ी है, वह प्रबंध और कंपनी संचालन की चूक का मामला है। इस चूक का दूरगामी प्रभाव हो सकता है।