नई दिल्ली। दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने शाकाहारी के बजाए मांसाहारी भोजन परोसे जाने के मामले में जापान एयरलाइंस (जाल) को एक दंपति को 35,000 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है।
राज्य आयोग ने कहा कि चालक दल के सदस्यों के रवैए से विमानन कंपनी की लापरवाही और उसकी सेवा में कमी स्पष्ट है। चालक दल के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं किया कि एनआर अहूजा और उनकी पत्नी करुणा अहूजा ने उन्हें गलत भोजन दिए जाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी।
दंपत्ति ने टिकट खरीदते समय शाकाहारी भोजन का विकल्प चुना था लेकिन उन्हें मांसाहारी भोजन परोसा गया। दंपत्ति ने जब भोजन करना शुरू किया तो उन्हें भोजन में कुछ गड़बड़ी महसूस हुई। उन्होंने विमान परिचारिका को तुरंत बुलाकार इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि उन्हें मांसाहारी भोजन परोसा गया था।
उपभोक्ता आयोग की पीठ के सदस्यों एसके सिद्दीकी और एससी जैन ने कहा कि कंपनी की ओर से यह कहना गलत है कि चालक दल के सदस्यों ने उन्हें इस बारे में सूचना नहीं दी। इस बारे में जानकारी देना उनका कर्तव्य था। इससे निश्चित ही कंपनी की लापरवाही और सेवा में कमी की बात साबित होती है।
जापान एयरलाइंस ने 35,000 रुपए मुआवजा देने के जिला फोरम के आदेश के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में यह कहते हुए अपील की थी कि दंपत्ति की बेटी ने मांसाहारी भोजन परोसे जाने का फोन पर निर्देश दिया था जिसके बाद ऐसा किया गया।
लेकिन उपभोक्ता आयोग ने अपील यह कहते हुए खारिज कर दी कि विमान कंपनी के अपनी बात को साबित करने के लिए कोई प्रमाण नहीं दिया। (भाषा)