संसद की एक स्थायी समिति के चेयरमैन ने रक्षा उत्पादन इकाइयों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा 26 फीसद में वृद्धि किए जाने की वकालत की है।
रक्षा मंत्रालय की अनुदान माँगों पर वाणिज्य और उद्योग मामलों की संसद की स्थायी समिति की बैठक की कारवाई रिपोर्ट के अनुसार ‘समिति के अध्यक्ष शांता कुमार ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़नी चाहिए।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार के सुझाव औद्योगिक नीति संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के विचारों से मेल खाते हैं। एफडीआई नीतियों के संबंध में डीआईपीपी शीर्ष एजेंसी है।
फिलहाल रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसद है। इसके लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी लेनी होती है।
संबंधित पक्षों के विचार जानने के लिए डीआईपीपी द्वारा जल्दी ही इस संबंध में मसौदा प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है।
ऐसा समझा जाता है कि जहाँ विभाग रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा में वृद्धि का समर्थन करेगा वहीं रक्षा प्रतिष्ठान द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किए जाने की संभावना है।
रक्षा राज्यमंत्री एमएम पल्लम राजू ने 28 अप्रैल को राज्यसभा में कहा है कि सरकार की रक्षा उत्पादन क्षेत्र में 100 फीसद एफडीआई की मंजूरी देने की योजना नहीं है।
उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 26 फीसद रखे जाने का फैसला इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर किया गया है।(भाषा)