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राजू अकेले नहीं हैं घोटालेबाज

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, बुधवार, 7 जनवरी 2009 (17:21 IST)
वेबदुनिया डेस्

सत्यम के निदेशक रामलिंगा राजू ने जिस तरह से सत्यम कंप्यूटर्स में वित्तीय अनियमितताओं बात स्वीकार की है, वह आश्चर्यजनक है। जानकार इस बात से सहमत नहीं हैं कि राजू अकेले ही इतने बड़े घोटाले को अंजाम दे सकते हैं। निश्चय ही उनके साथ सत्यम के कुछ अन्य लोग भी होंगे, जो इस घोटाले में शरीक हैं।

मैरिलिंच में कार्यरत सचिन कुमार का कहना है कि सत्यम घोटाला किसी एक इंसान का काम नहीं है, बल्कि इसमें पूरी यूनिट शामिल है, जिसने आपसी मिलीभगत से निवेशकों को धोखा दिया है।

विशेषज्ञ इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि सत्यम की फर्जी बैलेस शीट, मुनाफे को बढ़ाकर दिखाना, कंपनी पर फर्जी ब्याज बताना ये सभी ऐसी बातें हैं, जो बिना सीएफओ स्तर के अधिकारी की जानकारी के बिना संभव नहीं है। इसके अलावा ऑडिटर भी अगर इन घोटालों को पकड़ने में नाकाम रहा तो उसकी भी इस प्रकरण में संलिप्तता जाहिर होती है।

सत्यम के हिस्सेदार भी पूरी बात से अनभिज्ञ रहे होंगे, इसमें शक की पूरी गुंजाइश है। कुल मिलाकर सत्यम में उसके निदेशकों के अलावा कई और लोग भी इस घोटाले में शामिल हैं, जिन्होंने आम निवेशकों की जमा पूँजी के साथ खिलवाड़ किया है।

सत्यम के लिए अब बिकने के अलावा कोई और आसान विकल्प बाकी नहीं रह गया है। सत्यम को खरीदने लिए कई प्रमुख आईटी कंपनी आगे आ सकती हैं और वे अपनी शर्तों पर ही सत्यम सौदा करेंगी।

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