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सत्यम में 8000 करोड़ की धोखाधड़ी

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हैदराबाद (भाषा) , गुरुवार, 8 जनवरी 2009 (10:06 IST)
करीब 8 हजार करोड़ रुपए की देश की सबसे बड़ी कॉरपोरेट धोखाधड़ी के कारण देश की प्रमुख आईटी कंपनी सत्यम अब गर्त की ओर तेजी से अग्रसर है।

कंपनी के संस्थापक रामलिंगा राजू ने बुधवार को खातों में हेराफेरी का खुलासा करते हुए इस्तीफा दे दिया। इस घटनाक्रम के कारण कंपनी और इसके 53 हजार कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है।

आज के कारोबार के अंत तक देश की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी के बाजार पूँजीकरण में 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज किया, क्योंकि निवेशकों ने भारी प्रतिक्रिया दिखाई और कंपनी का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज में 78 फीसदी गिरकर 39.95 रुपए पर पहुँच गया।

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी को अमेरिका में भी नियामक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। सरकार, बाजार नियामक, सेबी और उद्योग जगत इस घटनाक्रम से हैरान हैं। यह प्रकरण भारतीय कंपनियों की छवि बिगाड़ सकता है और नैतिकता कॉरपोरेट गवर्नेंस अकाउंटिंग एवं कारोबारी आचरण जैसे मुद्दों पर सवाल उठ सकता है।

इधर, कंपनी मामलों के मंत्रालय और सेबी ने घोषणा की कि इस घटना की जाँच की जाएगी और धोखाधड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। धोखाधड़ी में मुनाफा बढ़ाकर दिखाना और काल्पनिक परिसंपत्ति दिखाना शामिल है।

राजू ने सेबी और निदेशक मंडल को लिखे पत्र में कहा कि मैं अपने आपको देश के कानून के हवाले करने और इसके नतीजों को भुगतने के लिए तैयार हूँ।

राजू ने पत्र में इस बात का ब्योरा दिया है कि कैसे बरसों तक मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया और काल्पनिक परिसंपत्ति की खानापूर्ति वास्तविक परिसंपत्ति से करने की साजिश करते रहे।
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