Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सीआरआर में और कटौती की जरूरत

Advertiesment
हमें फॉलो करें भारतीय रिजर्व बैंक
नई दिल्ली (भाषा) , गुरुवार, 30 अक्टूबर 2008 (20:15 IST)
भारतीय रिजर्व बैंक को आर्थिक विकास दर बढ़ाने और बैंकिंग तंत्र में और तरलता डालने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) एवं रेपो दर में और कटौती करने की जरूरत है।

आर्थिक थिंक टैंक दि इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनामिक ग्रोथ (आईईजी) ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए रिजर्व बैंक को सीआरआर और रेपो दर में और कटौती करने की जरूरत है।

रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में सीआरआर में ढाई फीसदी की कटौती कर बैंकिंग तंत्र में तरलता की स्थिति में सुधार किया था। इसके अलावा बैंक ने रेपो दर एक फीसदी घटाकर 8 फीसदी कर दिया था।

आरबीआई द्वारा किए गए उक्त उपायों से बैंकिंग तंत्र में 185000 करोड़ रुपए का प्रवाह हुआ। हालाँकि इस सप्ताह के दौरान तरलता की स्थिति फिर सख्त हो गई है।

मुद्रास्फीति की दर में पिछले पाँच सप्ताह के दौरान नरमी आने के बावजूद ब्याज दरों में कटौती नहीं की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संपूर्ण ब्याज दर ढाँचे में कमी करने की जरूरत है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया गया तो इससे मध्यम अवधि में विकास प्रभावित होगा। रेपो दर में भी कटौती किए जाने की आवश्यकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi