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सेबी का नोटिस, 10 अप्रैल को पेश हों सहारा, नहीं तो...

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मुंबई , बुधवार, 27 मार्च 2013 (00:22 IST)
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मुंबई। सहारा समूह पर शिकंजा कसते हुए बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय और अन्य तीन शीर्ष कार्यकारियों को 8 अप्रैल तक अपनी परिसंपत्तियों, बैंक खातों और कर रिटर्न का ब्यौरा जमा कराने और 10 अप्रैल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा।

यह ब्यौरा सहारा समूह की दो कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कुर्की के आदेश पर आगे की कार्रवाई के संबंध में मांगा है, ताकि इनकी संपत्तियों को बेचकर इन कंपनियों के बांडों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा लौटाया जा सके।

सेबी ने आज जारी अपने आदेश में कहा कि अगर सुब्रत राय, अशोक रायचौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव उसके सामने हाजिर न हुए तो वह उन्हें सुने बिना ही एक तरफा बिक्री की कार्रवाई की शर्तें निर्धारित कर देगा।

सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉर्पोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन की संपत्तियों, बैंक खातों और अन्य वित्तीय सूचना की जानकारी तलब की है।

यह मामला उच्चतम न्यायालय के उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें न्यायालय ने सहारा समूह की इन दो कंपनियों को अपने बांडधारकों को अनुमानित 24,000 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया है और सेबी को इस धन वापसी के काम को पूरा कराने को कहा गया है।

सेबी ने कहा कि उसने इन कंपनियों और इनके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कुर्की का एक आदेश इसलिए जारी किया क्योंकि वे न्यायालय के आदेश के मुताबिक समय पर धन जमा कराने में विफल रहे। तेरह फरवरी को जारी कुर्की आदेश में संबंधित पक्षों को 21 दिन के भीतर अपनी संपत्तियों का ब्यौरा जमा कराने को कहा गया था।

सेबी ने आज कहा कि इन लोगों ने ब्यौरा उपलब्ध कराने का आदेश नहीं माना है और इसलिए वह उनकी संपत्तियों की बिक्री की शर्तें तय करने का कदम उठा रहा है। नियामक ने कहा कि संबंधित कंपनियों और व्यक्तियों की संपत्ति का निर्धारण उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन की दिशा में जरूरी है।

सेबी के पूर्णकालिक निदेशक प्रशांत सरण ने राय एवं अन्य को 10 अप्रैल को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया है ताकि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन के तहत कुर्की आदेश में दी गई अचल संपत्तियों की बिक्री की शर्तें तय करने के लिए उन संपत्तियों का विस्तृत विवरण सुनिश्चित किया जा सके।

चारों व्यक्तियों को 8 अप्रैल को अथवा उससे पहले बाहलफ अपनी संपत्तियों का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है जिसमें अचल संपत्ति, धन और बैंक खाते आदि शामिल हैं।

नियामक ने उन्हें अपनी सभी संपत्तियों के बैनामे की मूल प्रतियां और देश-विदेश में बैंक खातों के विवरण तथा 2007-08 से आगे के आयकर व संपत्ति कर रिटर्न प्रस्तुत करने को कहा है।

दस अप्रैल को व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इन चारों को दोनों कंपनियों की संपत्तियों और निवेश के ब्यौरे की भी तस्दीक करानी होगी। सेबी ने कहा कि इन दोनों कंपनियों के वित्तीय ब्यौरे 8 अप्रैल तक उपलब्ध कराए जाना जरूरी है।

इन दो कंपनियों को अपनी सभी होल्डिंग फर्मों, सहायक एवं अनुषंगी फर्मों, विशेष प्रयोजन कंपनियों, सहकारी समितियों आदि का भी ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा गया है जो सहारा समूह का हिस्सा हैं। साथ ही उन्हें इनके पते, निदेशक, साझीदार, शेयरधारिता, परस्पर हिस्सेदारी और भागीदारी शेयरों का भी ब्यौरा देना है।

उल्लेखनीय है कि सुब्रत राय और संबंधित अन्य अधिकारियों ने अपनी व्यक्तिगत संपत्ति और बैंक खातों की कुर्की के आदेश को प्रतिभूति अपीलीय ट्राइब्यूनल (सैट) में पहले ही चुनौती दी है और ट्राइब्यूनल द्वारा मामले की सुनवाई 13 अप्रैल को की जाएगी। (भाषा)

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