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नर्सिंग : दुनिया का आदर्श पेशा

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हमें फॉलो करें नर्सिंग : दुनिया का आदर्श पेशा
- अशोक जोश
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नर्सिंग ऐसा पेशा है, जिसकी चर्चा छिड़ते ही फ्लोरेंस नाइटिंगल का चेहरा सामने घूमने लगता है। इस पेशे को यदि दुनिया का सबसे आदर्श पेशा या नोबल प्रोफेशन कहा जाए तो गलत नहीं होगा। वास्तव में देखा जाए तो नर्सिंग स्वास्थ्य देखभाल के विज्ञान के साथ बीमार लोगों की देखभाल करने की कला है। यह किसी भी तरह की चिकित्सीय सेवा का महत्वपूर्ण घटक है।

सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी जुड़े हैं : यदि स्वास्थ्य सेवाओं में संलग्न स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या का जोड़ और गुणा किया जाए तो हम पाएँगे कि यह नर्स और नर्सिंग असिस्टेंट की बदौलत चलाया जाने वाला नर्सिंग पेशा ही है, जिससे सर्वाधिक लोग जुड़े हुए हैं। किसी भी अस्पताल के जनरल वार्ड से लेकर ऑपरेशन थियेटर की नर्सिंग स्टाफ के बिना कल्पना नहीं की जा सकती है। नर्सिंग का क्षेत्र उन गिने-चुने क्षेत्रों में से एक है, जिस पर पूरी तरह महिलाओं का वर्चस्व है।

व्यापक है नर्सिंग का क्षेत्र : नर्सिंग ड्यूटी विविधता से परिपूर्ण है तथा इसके साथ तरह-तरह के कार्य और दायित्व जुड़े हुए हैं। यह कार्य और दायित्व कार्य वातावरण और योग्यता के स्तर के साथ बदलते रहते हैं।
  नर्सिंग ऐसा पेशा है, जिसकी चर्चा छिड़ते ही फ्लोरेंस नाइटिंगल का चेहरा सामने घूमने लगता है। इस पेशे को यदि दुनिया का सबसे आदर्श पेशा या नोबल प्रोफेशन कहा जाए तो गलत नहीं होगा।      
शुरुआती स्तर पर मरीजों की देखभाल के लिए नर्सों की आवश्यकता होती है जबकि वरिष्ठस्तर पर नर्सों को मनोरोगियों, बच्चों, गहन चिकित्सा कक्ष के रोगियों जैसे विशेष समूहों की देखरेख करनी पड़ती है। इसके लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है। इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ दवाइयाँ बाँटने, रोगियों के अभिलेख रखने, चिकित्सीय उपकरण लगाने, प्रशासन तथा अन्य कई रुटिन काम करता है।

कैसा हो व्यक्तित्व? : नर्सिंग के क्षेत्र में प्रवेश करने वालों का शारीरिक तथा मानसिक स्तर अच्छा होना चाहिए क्योंकि नर्सों को आमतौर पर संक्रामक रोगों से स्वास्थ्य का जोखिम होता है। चूँकि इस पेशे में लंबे समय तक ड्यूटी देनी पड़ती है, कई बार दूसरी नर्स की अनुपस्थिति में एक साथ दो पारियों में काम करना पड़ता है, इसलिए इस पेशे से जुड़े लोगों में कौशल के साथ धैर्य की भी आवश्यकता होती है।

पात्रता : नर्सिंग क्षेत्र में करियर बनाने के लिए डिप्लोमा, डिग्री तथा पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ-साथ मिडवाइफरी कोर्स भी जरूरी है। देश के विभिन्न संस्थानों में नर्सिंग के निम्नलिखित पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं :

बी.एस-सी. नर्सिंग अवधि- 3-4 वर्ष योग्यता- पीसीबी में 10+2

इस पाठ्यक्रम में नर्सिंग, फर्स्टएड तथा मिडवाइफरी का बुनियादी ज्ञान प्रदान किया जाता है। उन्हें नर्सिंग के सभी सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक पहलुओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है।

एम.एस-सी. नर्सिंग पात्रता- बी.एस-सी. नर्सिंग अवधि- दो वर्ष
जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) पात्रता- पीसीबी में 10+2 अवधि- साढ़े तीन वर्ष

जीएनएम पाठ्यक्रम ऐसी सामान्य नर्सों को तैयार करने के लिए तैयार किया गया है, जो हॉस्पिटलों और इस तरह के अन्य स्थानों पर कार्यरत हेल्थ टीम के सदस्य के रूप में कार्य करता है।

आक्जिलरी नर्स मिडवाइफ/हेल्थ वर्कर (एएनएम) पात्रता- 10वीं अवधि- 18 माह

एएनएम पाठ्यक्रम में इस बात का प्रशिक्षण दिया जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों, माताओं तथा वृद्धजनों की चिकित्सा संबंधी आवश्यकताओं का किस तरह ध्यान रखा जाता है।

रोजगार के अवस
नर्सिंग स्टाफ को निम्न स्थानों पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं :

* हॉस्पिटल * नर्सिंग होम * क्लिनिक और स्वास्थ्य विभाग * वृद्धाश्रम तथा अनाथालय * मिलिट्री * स्कूल ह इंडस्ट्रीयल हाउस तथा कारखाना * रेलवे तथा सार्वजनिक क्षेत्र के चिकित्सकीय विभाग * प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षक के रूप में

करियर विकल्
हॉस्पिटल नर्सिंग : नर्सिंग क्षेत्र में सबसे ज्यादा और बेहतर करियर विकल्प हॉस्पिटल में नर्सिंग सेवा से संबंधित हैं। हॉस्पिटल नर्सों को आमतौर पर सर्जरी, मेटरनिटी, इंटेसिव केयर, पीडिएट्रिक्स, आब्सटेट्रिक, रिहेबिलेटिव जैसे विशेष कार्य क्षेत्रों में लगाया जाता है।

पब्लिक हेल्थ नर्सिंग/ कम्युनिटी हेल्थ नर्सिं
शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी तथा निजी क्लिनिकों और हेल्थ डिपार्टमेंट में काम करने वाली पब्लिक हेल्थ नर्सों/ हेल्थ वर्कर स्थानीय लोगों को बुनियादी चिकित्सीय सेवाएँ प्रदान करते हैं। वह लोगों तथा परिवारों को स्वास्थ्य शिक्षा, रोगों की रोकथाम, पोषण तथा बच्चों की देखभाल पर निर्देश प्रदान करते हैं। वे इम्युनिजेशन, ब्लड प्रेशर, टेस्टिंग और अन्य स्वास्थ्य जाँचों की व्यवस्था करते हैं।

मिलिट्री नर्सिंग : यह सैन्य बलों की स्वास्थ्य सुविधा का ख्याल रखते हैं।

एजुकेटर्स : यह एक मिलाजुला क्षेत्र है, जिसमें नर्सिंग के साथ नर्सिंग स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण प्रदान करना तथा शैक्षणिक कार्यक्रमों को लागू करना शामिल है।

इंडस्ट्रीयल नर्सिंग/ आक्यूपेशनल हेल्थ नर्सिंग : यह इंडस्ट्रीयल फिजिशियन के अधीन काम करते हैं तथा बचावात्मक सुरक्षा उपायों को अपनाने में मदद करते हैं। औद्योगिक परिसरों के अंदर होने वाली दुर्घटनाओं के समय यह आपातकालीन देखभाल प्रदान करते हैं।

मनोवैज्ञानिक नर्सिंग : इस क्षेत्र से जुड़ा नर्सिंग स्टाफ भावनात्मक तथा मनोवैज्ञानिक तनाव से ग्रस्त रोगियों के साथ कार्य करता है। इस तरह के लोगों की नर्सिंग के लिए धैर्य तथा समर्पण की आवश्यकता होती है।

पीडिएट्रिक नर्सिंग : यह बीमार शिशुओं तथा बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी देखभाल करते हैं।

आर्थोपेडिक नर्सिंग : इन्हें फिजियोथैरेपी तथा रिहेबिलिटेशन का ज्ञान होना चाहिए क्योंकि यह दुर्घटना, चोट आदि से घायल लोगों की उपचार बाद सामान्य गतिविधियों के संचालन में मदद करते हैं।

पारिश्रमिक : नर्सों को मिलने वाला पारिश्रमिक उनकी सीनियरिटी के आधार पर कम अथवा ज्यादा होता है। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत नर्सें 10 से 15 हजार प्रति माह वेतन पाती हैं। मिलिट्री सेवा में कार्यरत नर्सों को अपेक्षाकृत ज्यादा वेतन मिलता है। निजी अस्पतालों में कार्य करने वालीनर्सों को दैनिक वेतन पर काम दिया जाता है, जबकि प्रतिष्ठित नर्सिंग होम द्वारा उन्हें बेहतर सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।

मिडवाइफ को 5-6 हजार रुपए प्रतिमाह के अलावा मेटरनिटी होम में जन्मे प्रत्येक बच्चे पर अतिरिक्त राशि देय होती है जबकि हेल्थ वर्कर 3 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पाते हैं।

प्रमुख संस्था
* अहिल्याबाई कॉलेज ऑफ नर्सिंग, लोक नायक हॉस्पिटल, नई दिल्ली
* कॉलेज ऑफ नर्सिंग, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑव मेडिकल साइंसेज, अंसारी रोड, नई दिल्ली-110029
* कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एसएसकेएम हॉस्पिटल कैम्पस, 244, आचार्य जगदीशचंद्र बोस रोड, कोलकाता-700020
* राजकुमारी अमृत कौर कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एंड्रयूज कैंप, नई दिल्ली-110029
* कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इंदौर-452001
(बीएससी नर्सिंग, चार वर्ष, 10+2) आयु 17-25 वर्ष
* कॉलेज ऑफ नर्सिंग भिलाई
* मध्यप्रदेश भोज (खुला) विश्वविद्यालय डिपार्टमेंट ऑफ नर्सिंग एंड हेल्थ साइंसेज, रेडक्रॉस भवन, शिवाजी नगर, भोपाल-462016 फोन : 2576555
* चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर (सर्टिफिकेट इन जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी)
* क्रिश्चियन हॉस्पिटल, रतलाम
* सिविल अस्पताल उज्जैन ।


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