कोरोना महामारी से आई मंदी से रोजगार की कमी से जूझ रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। भारतीय खुदरा क्षेत्र में 2030 तक 2.5 करोड़ नए रोजगार सृजित होने की संभावना जताई जा रही है। यह ऑफलाइन और ऑनलाइन मॉडल के साथ कुल खुदरा रोजगार के लगभग 50 प्रतिशत के बराबर होगा।
प्रमुख प्रबंधन और कंसल्टिंग फर्म टेक्नोपैक के साथ नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन प्लस ऑफलाइन मॉडल अगले 10 सालों में 125 अरब डॉलर के रिटेल एक्सपोर्ट्स और 8 अरब डॉलर की इंक्रीमेंटल जीएसटी कंट्रीब्यूशन को बढ़ावा देगा।
खुदरा घरेलू बाजार के आकार, रोजगार सृजन और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। बदलती मांग और सप्लाई ड्राइवर्स के विकास की गति को तेज करने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत का खुदरा बाजार वित्तीय वर्ष 2030 तक 1.5 खरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक बयान में कहा कि खुदरा क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दोहरे अंकों के योगदान और वित्त वर्ष 2020 में लगभग 3.5 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार देने के साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए विकास इंजनों में से एक है।
कांत ने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति तैयार करने की प्रक्रिया में है, जो न केवल खुदरा व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के विकास में बाधा डालने वाली नीतियों को भी सरल बनाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ई-कॉमर्स ट्रेडिशनल ब्रिक एंड मोर्टार से 3-4 गुना बढ़ रहा है। 360 से ज्यादा रिटेल स्टेकहोल्डर्स पर हुए सर्वे के अनुसार 79 प्रतिशत में यह सामने आया कि प्रौद्योगिकी देश में रिटेल विकास में एक बड़ा योगदान देगा।