कहते हैं अगर इंसान में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो उसके लिए कोई बाधा बड़ी नहीं हो सकती है। ऐसी ही कहानी है नवादा मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन कैदी कौशलेंन्द्र कुमार की।
घर, स्कूल और कॉलेज में पढ़कर तो लाखों छात्रों ने अपनी मंजिल हासिल करते हैं, लेकिन कौशलेन्द्र ने जेल में रहकर अपने सपने को पूरा किया।
कौशलेंद्र कुमार ने आईआईटी क्वालीफाई कर सबको हैरान कर दिया। सूरज को इस परीक्षा में 54वीं रैंक मिली है, कौशलेन्द्र इस सफलता की हर कोई तारीफ कर रहा है।
खबरों के मुताबिक कौशलेन्द्र पर हत्या का आरोप है। कौशलेन्द्र करीब 11 महीने से जेल में बंद है और जेल से ही सेल्फ स्टडी कर रहा है। उसे जेल के अधिकारी भी मदद कर रहे हैं। कौशलेन्द्र बिहार के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाला है।
मौसमा गांव में 45 वर्षीय संजय यादव की नाला निर्माण को ले कर बुरी तरह पिटाई कर दी गई थी जिससे उसकी मौत हो गई थी। इससे उसकी मौत हो गई थी। इसी मामले में कौशलेन्द्र विचाराधीन है। परिवार का कहना है कि कौशलेन्द्र का सपना वैज्ञानिक बनने का है।