Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अति आक्रामकता नहीं दिखाएगा श्रीलंका

Advertiesment
हमें फॉलो करें अति आक्रामकता नहीं दिखाएगा श्रीलंका
मेलबोर्न (भाषा) , मंगलवार, 6 नवंबर 2007 (17:13 IST)
श्रीलंका के स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने कहा कि उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दौरान भारत की तरह अति आक्रामकता नहीं दिखाएगी।

इस ऑफ स्पिनर और तेज गेंदबाज ामिंडा वास ने कहा कि गुरुवार से शुरू होने वाली सिरीज में उनकी टीम का ध्यान पूरी खेल भावना के साथ बेहतर और सकारात्मक क्रिकेट खेलने पर केंद्रित रहेगा।

शेन वॉर्न के विश्व रिकॉर्ड (708 विकेट) से केवल नौ विकेट दूर खड़े मुरलीधरन ने कहा कि भारत ने हाल की घरेलू श्रृंखला में जिस तरह से 'जैसे को तैसा' की नीति अपनाई उनकी टीम उसका अनुसरण नहीं करेगी।

'द एज' के अनुसार मुरलीधरन ने क्वीन्सलैंड क्रिकेट के वार्षिक टेस्ट मैच के भोज समारोह में कहा‍ क‍ि हम शानदार क्रिकेट खेलना चाहते हैं और भारतीयों ने जैसा किया वैसा नहीं करेंगे। हम अपने खेल पर ध्यान देंगे। हमारे लिए चुनौती परिणाम के बारे में सोचने को लेकर नहीं है।

श्रीलंका को सितंबर में आईसीसी पुरस्कारों के दौरान बेहतर खेल भावना दिखाने का पुरस्कार भी मिला था। उसकी छवि मैदान पर अच्छा बर्ताव करने की रही है।

वास ने कहा कि उनकी टीम यह सुनिश्चित करना चाहेगी कि उनकी साख बनी रहे और वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोई भी गलत तरीका नहीं अपनाएगी। उन्होंने कहा कि हम भारतीय नहीं हैं। हम उस तरह का खेल नहीं खेलने जा रहे हैं जैसे भारतीयों ने खेला लेकिन जब क्रिकेट की बात आती है तो आपको पाँचों दिन आक्रामक क्रिकेट खेलनी होगी।

वास ने कहा कि हम यहाँ अच्छी और शानदार क्रिकेट खेलने के लिए हैं और हमें खेल भावना का पुरस्कार भी मिल चुका है, इसलिए हम अच्छी क्रिकेट खेलकर यह साबित करना चाहते हैं हमारी टीम में कुछ कर गुजरने का माद्दा है। श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल एक श्रृंखला में जीत दर्ज की है। पिछले 25 साल में वह कभी ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट मैच नहीं जीत पाया है।

मुरलीधरन का ध्यान वॉर्न के विश्व रिकॉर्ड तोड़ने पर नहीं है। उन्होंने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया में खुद को साबित करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इस 35 वर्षीय गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 15 टेस्ट मैचों में 32.47 की औसत से 67 विकेट लिए हैं लेकिन ऑस्ट्रेलियाई धरती पर वह तीन टेस्ट में केवल आठ विकेट ही ले पाए हैं।

इससे पहले के दोनों दौरों में गेंदबाजी एक्शन के कारण उनकी गेंद नोबाल करार दी गई। दर्शकों ने उन पर फब्तियाँ कसी और यहाँ तक कि प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड तक ने उन्हें चकर कहा।

मुरलीधरन ने कहा कि 1995 का दौरा बहुत बुरा था। मैं उसे भूलना चाहता हूँ। तभी इस सबकी शुरुआत हुई है। इस बार मैं खुद को साबित करना चाहता हूँ और संन्यास लेने से पहले यह दिखाना चाहता हूँ कि मैंने कुछ हासिल किया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi