एक साल हो चुका है लेकिन महाशतक का 'महा इंतजार' अब तक पूरा नहीं हो पाया है। सचिन को शतकों का शतक लगाते देखने के लिए आंखे पथरा गई हैं। मास्टर अपने 100वें ब्लास्ट से सिर्फ एक कदम दूर हैं लेकिन यह एक कदम चीन की दीवार की तरह लंबा हो गया है।
99 के फेर में फंसे सचिन के साथी बल्लेबाज जोर-शोर से रन कूट रहे हैं। सचिन की कॉपी, उनके हमनक्श विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने तो सचिन का विश्व रिकॉर्ड (एक दिवसीय में दोहरा शतक) भी तोड़ दिया है।
नया खून विराट कोहली इस दौरान खुद को निखार के रनों का अंबार लगा रहे हैं। लेकिन युवाओं के 'आयडियल', प्रेरणास्रोत और क्रिकेट के युग पुरुष कहे जाने वाले सचिन आखिर क्यों पिछड़ रहे हैं। क्या कारण है कि सचिन दो अहम मौकों पर नर्वस नाइंटीज का शिकार हो गए।
दु:ख और भी बढ़ जाता है जब लीजेंड बल्लेबाज कई बार अपनी पारी की ठोस शुरुआत करने के बाद मामूली गेंद पर अपना विकेट विरोधी टीम को पेश कर देते हैं। शतकों की बाढ़ लगाने वाले सचिन का एक शतक का सूखा कब खत्म होगा, इसका जवाब तो अब ज्योतिषियों के पास भी नहीं है।
मजेदार बात तो यह है कि सचिन गाहे-बगाहे मीडिया में अपने संन्यास लेने की बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं। कुछ जानकारों का ऐसा मानना है कि सचिन तेंडुलकर महाभारत के शीर्ष पात्र 'भीष्म पितामह' की तरह हैं, जिन्हें खुद ही तय करना चाहिए कि वे कब क्रिकेट को अलविदा कहेंगे।
कई बार सचिन को मायूस होकर पैवेलियन लौटते हुए देखकर लगता है कि 'अब बल्ला टांग ही दे सचिन तो अच्छा है, क्योंकि हर बार उम्मीद टूटने का दर्द अब सहन नहीं होता....क्या आप भी सचिन के महाशतक को लेकर मायूस हो गए हैं, आखिर सचिन क्यों भारत का सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं, इस विषय पर अपने विचार जरूर दें।