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आईपीएल विवाद में नरेंद्र मोदी भी फँसे

हमें फॉलो करें आईपीएल विवाद में नरेंद्र मोदी भी फँसे
नई दिल्ली/गाँधीनगर , शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010 (00:40 IST)
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आईपीएल कोच्चि फ्रेंचाइजी विवाद उस समय गहरा गया, जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और आईपीएल आयुक्त ललित मोदी पर अहमदाबाद की नई टीम के लिए मिलकर काम करने का आरोप लगा।

कोच्चि फ्रेंचाइजी के प्रवक्ता सत्यजीत गायकवाड़ ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि पूरी दुनिया ललित मोदी के साथ उनकी सांठगांठ के बारे में जानते हैं। उन्होंने अहमदाबाद की टीम के लिए आईपीएल आयुक्त पर दबाव डाला था।

गुजरात के मुख्यमंत्री और गुजरात क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ने इस विवाद से खुद को दूर रखा और उनके मंत्रालय के एक अधिकारी ने उनके खिलाफ लगे आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि ये आरोप आधारहीन हैं।

राज्य के गृहराज्य मंत्री अमित शाह जो कि जीसीए के भी उपाध्यक्ष हैं, ने पत्रकारों से कहा कि जीसीए और उसके अध्यक्ष मोदी का इस पूरे विवाद से कोई लेना देना नहीं है। हमारे खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं वे आधारहीन हैं। फ्रेंचाइजी को खुली बोली प्रक्रिया के जरिये टीमें दी गई हैं और ऐसे में कोई भी क्रिकेट संघ या जीसीए कोई भूमिका नहीं निभा सकता।

गायकवाड़़ ने संवाददाताओं से कहा कि हमें कहा गया कि हमें काम करने की अनुमति नहीं मिलेगी। अहमदाबाद आईपीएल बोली में अडानी समूह और नरेंद्र मोदी की हिस्सेदारी थी। जब हम बोली में जीत गए तो (बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख) शरद पवार से बातचीत की और किस शहर का चुनाव करें इसके बारे में उनसे पूछा। उन्होंने कहा कि कि आप अपनी पसंद का चुनाव करें, इसलिए हमने कोच्चि का चुनाव किया।

हालाँकि एनसीपी के सीनियर नेता ने दावा किया कि पवार का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर एनसीपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलकर कांग्रेस को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

आईपीएल विवाद का केंद्र थरूर हैं। उन पर अपनी महिला मित्र सुनंदा पुष्कर के लिए कोच्चि टीम मालिकों के से 70 करोड़ रुपए के शेयर हासिल करने का आरोप लगा है, लेकिन थरूर ने इस विवादों से इंकार किया।

एनसीपी नेता ने कहा कि मुख्य मुद्दा यह है कि किस आधार पर सुनंदा पुष्कर और अन्य को यह फ्री इक्विटी दी गई है। उन्हें यह इक्विटी क्यों दी जा रही है। गायकवाड़ ने कहा कि आईपीएल की शुरुआती बोली तब लगी थी, जब वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की मुख्यमंत्री थी । अहमदाबाद की टीम लाने के लिए वसुंधरा और नरेंद्र मोदी ने ललित मोदी पर दबाव बनाया होगा।

गुजरात क्रिकेट संघ के पूर्व प्रमुख नरहरि अमीन ने गायकवाड़ का समर्थन किया है। अमीन ने कहा कि मोदी द्वय ने अहमदाबाद के लिए प्रेरित किया था। गायकवाड़ ने यह भी मांग की कि ललित मोदी को आईपीएल में खेल रही सभी टीमों के मालिकों के बारे में विस्तृत जानकारी का खुलासा करना चाहिए जैसा कि उन्होंने कोच्चि टीम के बारे में किया है।

उन्होंने कहा कि मैं सरकार से माँग करता हूँ कि कॉरपोरेट कानून के तहत आईपीएल के अन्य टीमों के मालिकों के बारे में विस्तृत जानकारी का खुलासा करें। सरकार को इस मामले की जाँच करानी चाहिए। हम बेदाग हैं और हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

गुजरात के गृहमंत्री शाह से जब पूछा गया कि क्या बोली प्रक्रिया से पहले अहमदाबाद में ललित मोदी, अहमदाबाद टीम के लिए बोली लगाने वाले गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी के बीच बैठक हुई थी? उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी किसी बैठक का पता नहीं है। जहाँ तक खुली बोली प्रक्रिया का सवाल है तो इस तरह की बैठकों का कोई मतलब नहीं होता।

शाह से जब पूछा गया कि क्या कोच्चि टीम के गुजराती प्रमोटर्स अपना बेस बदलकर अहमदाबाद करने के लिए मुख्यमंत्री से मिले थे? उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की बैठक के बारे में पता नहीं है। हालाँकि इस पर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि श्रीराम इंडस्ट्रीज के मुकेश पटेल, रोजी ब्लू डायमंड के हषर्द मेहता और एंकर ग्रुप के प्रतिनिधि, ये सभी कोच्चि आईपीएल के प्रोमोटर हैं, ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।

खेल मंत्री एमएस गिल ने इंडियन प्रीमियर लीग में कोच्चि फ्रेंचाइजी के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद को एक मजाक बताते हुए कहा कि यह केवल क्रिकेट नहीं है। केन्द्रीय खेल मंत्री ने आग्रह किया कि आईपीएल टीमों को अपने शेयरधारकों के नामों का खुलासा करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जवाबदेही होनी ही चाहिए। लोकतंत्र सब पर लागू होता है। लोकतंत्र उस सूरजमुखी की तरह है, जिसे सूरज की रोशनी की जरूरत होती है, इसलिये सभी संस्थानों को इसके अनुसार ही काम करना चाहिए। (भाषा)

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