अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष पर्सी सोन का रविवार को यहाँ लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 57 वर्ष के थे।
सोन के परिवार में पत्नी सांड्रा और तीन बच्चे हैं। सोन को बड़ी आंत के ऑपरेशन के लिए 14 मई को केपटाउन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी थी जिसके कारण 22 मई को उन्हें अस्पताल के इंटेंसिव केयर यूनिट में भेज दिया गया था।
दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में जातीय विद्वेष को पाटने में बड़ी भूमिका निभाने वाले सोन जून 2006 में एहसान मनी के स्थान पर विश्व क्रिकेट संचालन संस्था के प्रमुख बने थे। इससे पहले वह आईसीसी में ही उपाध्यक्ष थे।
वर्ष 1972 में वकील बने सोन ने जातीय विद्वेष के उभार के समय अपने कॅरियर की शुरुआत एक प्रशासक के रूप में की थी। वह दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे थे और बाद में तीन वर्ष के लिए नए यूनाइटेड क्रिकेट बोर्ड ऑफ दक्षिण अफ्रीका के अध्यक्ष का पद भी संभाला। उनका यह कार्यकाल 2003 में समाप्त हुआ।
आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष पाकिस्तान के एहसान मनी ने कहा कि व्यक्तिऔर क्रिकेट प्रशासक के रूप में सोन का ; कद बहुत बड़ा था। यह दुर्भाग्य है कि वह आईसीसी के अध्यक्ष पद का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। मैंने एक महान निजी दोस्त खो दिया है।
मेरी सहानभूति उनके परिवार के साथ है। जातीय विद्वेष से निपटने में अत्यधिक सक्रियता से काम करने के लिए सोन को सदैव याद किया जाएगा। वर्ष 2002 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए चुनी गई दक्षिण अफ्रीकी टीम को अपनी मंजूरी देने से केवल इस कारण से इंकार कर दिया था कि उसमें श्वेत खिलाड़ी जैक्स रूडोल्फ को एक अश्वेत खिलाड़ी जस्टिन ओंटोंग की जगह वरीयता दी गई थी। अंततः रूडोल्फ की जगह ओंटोंग को टीम में शामिल किया गया।
वह तेज तर्रार प्रशासक भी थे। मैच फिक्सिंग के मामले में जब दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनए का नाम सामने आया था तो सोन ने कहा था कि क्रोन्ये को अब क्रिकेट खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा था क्रोन्ये को समुद्र तट पर होने वाले क्रिकेट में भी हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।