ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ का मानना है कि युवा तेज गेंदबाज पैट कमिन्स को लगी चोट से भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली आगामी टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला को ‘बराबरी’ का बना दिया है। उन्होंने साथ ही कहा कि मेजबान टीम को मेहमान टीम के प्रतिष्ठित बल्लेबाजी क्रम को रोकने के लिए घसियाली पिचों की जरूरत पड़ेगी।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर से चार टेस्ट की श्रृंखला शुरू होगी और वा के मुताबिक इस श्रृंखला में जीत के प्रबल दावेदार को चुनना मुश्किल है लेकिन मेजबान टीम को कमिन्स की कमी खल सकती है।
वॉ ने कहा कि अगर कमिन्स टीम में होता तो मैं अधिक सहज महसूस करता। उनकी गैरमौजूदगी श्रृंखला को काफी हद तक बराबरी का मुकाबला बना सकती है। यह काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करेगा कि हम किस तरह की पिच पर खेल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को धीमी टर्न लेनी वाली, धीमी विकेट पसंद है और अगर हम इस तरह की पिचें तैयार करेंगे तो उन्हें हराना मुश्किल होगा। अगर वह घसियाली पिच तैयार करेंगे और उछाल मिलेगा तो हमारे पास शानदार मौका होगा।
वॉ ने कहा कि कमिन्स, मिशेल जानसन और रेयान हैरिस जैसे अहम खिलाड़ियों के चोटिल होने से ऑस्ट्रेलिया की टीम कमजोर हुई है। उन्होंने कहा कि चोटें ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में सबसे बड़ा मुद्दा है। ऐसा क्यों हो रहा है। क्या इससे बचने का कोई तरीका है। क्या हम कुछ बेहतर या अलग तरीके से कर सकते हैं। युवा खिलाड़ियों को चोट लगना चिंता की बात है।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि बॉक्सिंग डे जैसे अहम मुकाबले में पैट कमिन्स बनाम राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर का मुकाबला नहीं होना दुखद है।
उन्होंने कहा कि कमिन्स और जेम्स पेटिंसन जैसे युवा गेंदबाजों का महान बल्लेबाजों को गेंदबाजी करते हुए देखना ही पैसे वसूल है। यह खेल, दर्शकों और विशेष तौर पर पैट के लिए शर्म की बात है। जैसा कि मैंने कहा कि हमें देखना होगा कि ऐसा क्यों हो रहा है और हमें क्या अलग करने की जरूरत है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान 18 वर्षीय कमिन्स की एड़ी में चोट लग गई थी। (भाषा)