तेज गेंदबाज जहीर खान के पाँच विकेट के बावजूद पुछल्ले बल्लेबाजों की साहसिक पारियों से ऑस्ट्रेलिया ने मजबूत स्कोर खड़ा करने के बाद शनिवार को यहाँ भारतीय सलामी जोड़ी को पैवेलियन भेजकर पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन भी कुछ हद तक अपना पलड़ा भारी रखा।
शेन वाटसन की लगभग साढ़े सात घंटे तक चली 126 रन की मैराथन पारी के बाद ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम के बल्लेबाजों विशेषकर टिम पेन (92) और मिशेल जॉनसन (47) ने भी भारत को राहत की साँस नहीं लेने दी, जिससे वह 428 रन का मजबूत स्कोर खड़ा करने में सफल रहा। जहीर ने 94 रन देकर पाँच विकेट लिए।
भारत को वीरेंद्र सहवाग (59) और गौतम गंभीर (25) ने अच्छी शुरुआत दिलाई और पहले विकेट के लिए 81 रन की साझेदारी की, लेकिन जानसन ने इन दोनों खतरनाक बल्लेबाजों को 25 रन के अंतराल में पैवेलियन भेजकर भारतीय खेमे को निराश कर दिया। स्टंप उखड़ने के समय राहुल द्रविड़ 21 रन पर खेल रहे थे, जबकि नाइट वॉचमैन ईशांत शर्मा को खाता खोलना है। भारत ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक दो विकेट पर 110 रन बना लिए हैं।
सहवाग और गंभीर ने शुरू में पूरी सतर्कता दिखाई। सहवाग हालाँकि अधिक देर तक अपने तीखे तेवर दिखाने से चुप नहीं रहे और उन्होंने चौथे ओवर में डग बोलिंजर पर दो चौके जड़कर अपने हाथ खोले। उन्होंने इसके बाद भी ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के खिलाफ कोई नरमी नहीं दिखाई और जब स्पिनर नाथन हारिट्ज आए तो उनकी पहली दो गेंद को कवर क्षेत्र से सीमा रेखा पार भेजा। उन्होंने केवल 38 गेंद पर अपना 23वाँ टेस्ट अर्धशतक पूरा किया।
नए बल्लेबाज द्रविड़ ने जॉनसन के इसी ओवर में एक फुलटॉस गैंद को खूबसूरत कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर अपना खाता खोला। सहवाग हालाँकि अर्धशतक पूरा करने के बाद पहले की तरह हावी नहीं हो पाए और जॉनसन की शॉर्ट पिच गेंद पर कवर में माइकल क्लार्क को कैच दे बैठे। सहवाग ने 54 गेंद की अपनी पारी में दस चौके लगाए।
इससे पहले आस्ट्रेलिया ने पहले सत्र में कल की तरह धीमी बल्लेबाजी की और 29 ओवर में केवल 71 रन बनाए। उसने दूसरे सत्र में 95 रन जोड़े जिसमें जॉनसन और पेन के बीच 22 ओवर में 82 रन की साझेदारी महत्वपूर्ण रही।
वाटसन ने सुबह स्कोर पाँच विकेट पर 224 रन से आगे बढ़ाया छठे विकेट के लिए 53 रन की साझेदारी की। कल दो जीवनदान पाने वाले वाटसन ने सुबह जब अपने स्कोर में केवल दो रन जोड़े थे, तब जहीर की गेंद पर विकेटकीपर महेंद्रसिंह धोनी उनका कैच लेने में असफल रहे।
कल चोटिल होने वाले गेंदबाज ईशांत शर्मा आज सुबह मैदान पर उतरे लेकिन लंबा समय बाहर बिताने के कारण वह पहले सत्र में गेंदबाजी नहीं कर पाए। इससे धोनी के पास कम विकल्प हो गए और उन्हें शुरू में ही स्पिनरों का सहारा लेना पड़ा।
पेन का साथ देने के लिए जॉनसन ने तूफानी तेवर दिखाए और 66 गेंद की अपनी पारी में पाँच चौकों के अलावा तीन छक्के भी जमाए। उन्होंने प्रज्ञान ओझा की गेंद पर दो और हरभजनसिंह पर एक छक्का जड़ा। जॉनसन ने जहीर का चौथा शिकार बनने से पहले टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन भी पूरे किए। नाथन हारिट्ज (9) अधिक देर नहीं टिक पाए और हरभजन ने उन्हें पैवेलियन भेजा।
विकेटकीपर बल्लेबाज पेन ने भारतीय स्पिनरों को आसानी से खेला और टेस्ट क्रिकेट में पहला अर्धशतक जड़ा। उन्हें शतक के करीब पहुँचने पर जीवनदान भी मिला, लेकिन इसके बावजूद भी वे तिहरे अंक में नहीं पहुँच पाए। पेन जब 86 रन पर थे तब जहीर की गेंद पर धोनी उनका कैच नहीं ले पाए थे।
पेन हालाँकि अपना शतक पूरा नहीं कर पाए और जहीर की गुडलेंथ गेंद उनके बल्ले को चूमती हुई दूसरी स्लिप में वीवीएस लक्ष्मण के पास पहुँच गई, जिन्होंने आगे गिरते हुए उसे कैच कर लिया। पेन ने लगभग पाँच घंटे की अपनी पारी में 196 गेंद खेली तथा 12 चौके लगाए। जहीर ने इस तरह से दसवीं बार पारी में पाँच या इससे अधिक विकेट लिए।
इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई पारी सिमटने में देर नहीं लगी। पेन के आउट होने के बाद अगले ओवर में ओझा की पहली गेंद पर हरभजन ने बेन हिल्फेनहास (नाबाद 20) का कैच छोड़ा, लेकिन चौथी गेंद पर वह डग बोलिंजर को ईशांत शर्मा के हाथों कैच कराने में सफल रहे। (भाषा)