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ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट प्रतिभाओं की कमी नहीं

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ब्रिजटाउन (वार्ता) , सोमवार, 4 जून 2007 (04:55 IST)
गुजरे जमाने के मास्टर ब्लास्टर और वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान विवियन रिचर्ड्स ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की क्षमता पर आश्चर्य जताते हुए कहा है कि ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा देश है जहाँ क्रिकेट की प्रतिभाएँ हमेशा पनपती रहती हैं।

टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर शेन वार्न, डेमियन मार्टिन और जस्टिन लैंगर के बिना भी विश्व कप में कंगारूओं के अपराजेय प्रदर्शन पर रिचर्ड्स ने अचंभा जाहिर किया। ऑस्ट्रेलिया के इन तीनों स्टार खिलाड़ियों ने संन्यास ले लिया है।

रिचर्ड्स ने कहा है कि जो भी खिलाड़ी इन तीनों की जगह शामिल किए गए हैं वह भी चमत्कारिक ऑस्ट्रेलियाई हैं और किसी भी मामले में कम नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सब मानते थे कि खिलाड़ियों की कमी की समस्या हो सकती थी, लेकिन इससे मुझे यह संदेश मिला कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में क्रिकेट की प्रतिभाएँ कभी समाप्त नहीं हो सकती हैं।

अपने जमाने में दुनिया के महान बल्लेबाज ने कहा कि आने वाले समय में भी ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट की दुनिया में अपनी बादशाहत बरकरार रखेगा। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक उन्हें रोका नहीं जा सकता। तेज गेंदबाज शॉन टैट इस टूर्नामेंट में अब तक 23 विकेट ले चुकें हैं और कप्तानी के योग्य दावेदार बल्लेबाज माइकल क्लार्क का औसत 85 से अधिक है जबकि ऑल राउंडर शेन वाटसन ने चोट से उबरने के बाद जोरदार वापसी की है।

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैग्राथ का मानना है कि उन्होंने अपने 14 साल के अंतरराष्ट्रीय कॅरियर में जिन बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी की है, उनमें वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा भारत के सचिन तेंडुलकर की तुलना में कहीं आगे हैं।

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