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कब होगी सीनियरों की छुट्‍टी, श्रीनिवासन अनजान

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012 (19:29 IST)
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बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने भारतीय क्रिकेट टीम के भविष्य पर कहा कि ‘सभी मजबूत टीमें बदलाव के दौर से गुजरती हैं’ लेकिन उन्होंने कोई संकेत नहीं दिया कि सीनियर खिलाड़ियों को धीरे-धीरे बाहर करने की प्रक्रिया कब शुरू होगी। श्रीनिवासन ने कहा मुझे नहीं पता कि यह कब होगा। मैं कोई चयनकर्ता नहीं हूं लेकिन इतिहास दर्शाता है कि सभी मजबूत टीमों को बदलाव के दौर से गुजरना पड़ता है। फिलहाल सीनियर खिलाड़ियों के बारे में बात करना उचित नहीं होगा।

उन्होंने ‘द वीक’ मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में कहा वे (चयनकर्ता) मौजूद हैं और यह फैसला चयनकर्ताओं को करना है कि वे क्या करना चाहते हैं।

भारतीय क्रिकेट टीम हॉल के समय के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है और उसे विदेशी सरजमीं पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो टेस्ट श्रृंखलाओं में व्हाइटवॉश का सामना करना पड़ा जबकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ियों के बीच मतभेद की अटकलें भी लगा जा रही हैं।

टीम के प्रदर्शन पर श्रीनिवासन ने कहा हमने भारत में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट के दौरान हमारे प्रदर्शन की काफी आलोचना हुई। दौरे के बीच में हमें कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। इंतजार करते हैं और देखते हैं। मैदान पर खराब प्रदर्शन के अलावा भारतीय क्रिकेट प्रायोजन और प्रसारणकर्ता विवाद से भी जूझ रहा है लेकिन बीसीसीआई प्रमुख इससे बेपरवाह हैं।

श्रीनिवासन ने कहाप्रसारणकर्ता मुद्दा अदालत के समक्ष है इसलिए इसके अलावा अधिक कुछ नहीं कह सकता कि यह अनुबंधीय मुद्दा है और बीसीसीआई ने करार के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है। बोर्ड ने हाल कुछ समय पहले निम्बस के साथ प्रसारण करार तोड़ दिया था, जिसके बाद यह कंपनी अदालत की शरण में चली गई।

सहारा के हाल में भारतीय टीम के प्रायोजक और आईपीएल टीम के मालिकाना हक से हटने की धमकी देने के विवाद के संदर्भ में श्रीनिवासन ने कहा जहां तक प्रायोजन का सवाल है तो बीसीसीआई सहारा की भूमिका की सराहना करता है। सभी रिश्तों में तनावपूर्ण समय आता है। हम इस मुद्दे से प्रायोजक और बीसीसीआई दोनों के संतुष्ट होने तक निपटे हैं।

बीसीसीआई हाल में वूल्फ समिति की सिफारिशों को लेकर आईसीसी से भी टकराव की राह पर है। इस समिति की सिफारिशों में संचालन संस्था के प्रशासनिक ढांचे में आमूलचूल बदलाव की वकालत की गई है।

श्रीनिवासन ने इन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि वह अहंकारी हैं। उन्होंने कहा मैं अहंकारी नहीं हूं, मुझे ऐसा नहीं लगता। मैं जिस पृष्णभूमि से आया हूं, मैं प्रणाली और प्रक्रिया में विश्वास रखता हूं। यह हालांकि तथ्य है कि बीसीसीआई की बैठकें अब कम समय की होती हैं और इसमें ‘टू द प्वाइंट’ बात होती है।

श्रीनिवासन ने कहा, ‘मेरा एक कार्यकाल है और मैं इसके बाद आगे बढ़ जाऊंगा। बीसीसीआई मेरे दादा की कंपनी नहीं है।' (भाषा)

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