भारत और श्रीलंका के बीच पाँचवाँ और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच फिरोजशाह कोटला की खतरनाक पिच के कारण रद्द कर दिया गया, जिससे दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के जीवंत विकेट और रोमांचक मैच के दावों की भी पोल खुल गई।
विकेट काफी तेज था और उसमें गेंद खतरनाक तरीके से उछाल ले रही थी लेकिन श्रीलंकाई पारी में जब 24वाँ ओवर चल रहा था तब बल्लेबाजों ने पिच से खतरनाक मिजाज पर चिंता जताई, जिसके बाद आगे का खेल नहीं हो पाया। पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित की गई श्रीलंकाई टीम तब 23.3 ओवर में पाँच विकेट पर 83 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी। भारत ने इस तरह से पाँच मैचों की यह श्रृंखला 3-1 से जीती।
भारत में खतरनाक पिच के कारण मैच रद्द होने का यह दूसरा वाकया है। यह भी संयोग है कि इससे ठीक 12 साल पहले 25 दिसंबर 1997 को भारत और श्रीलंका के बीच इंदौर के नेहरू स्टेडियम में खेला गया मैच पिच के खतरनाक होने के कारण रद्द कर दिया गया था।
तब भी श्रीलंकाई टीम बल्लेबाजी कर रही थी और उसने तीन ओवर में एक विकेट पर 17 रन बनाए थे। नेहरू स्टेडियम पर इसके बाद प्रतिबंध लग गया था और अब इंदौर में मैच उषा राजे स्टेडियम में खेले जाते हैं।
कोटला की पिच के खतरनाक होने का अंदाज पहले ओवर से ही लगने लगा था। इसके बाद आशीष नेहरा की तेजी से उठती गेंद तिलकरत्ने दिलशान की कोहनी पर लगी और वह दर्द से कराहते हुए जमीन पर लेट गए। बाद में सनथ जयसूर्या को भी दो मर्तबा चोट लगी। विकेट के इस खतरनाक तेवरों को देखते हुए अंपायरों ने खेल रोक दिया। काफी विचार-विमर्श के बाद मैच को रद्द कर दिया गया।
टिकट के पैसे वापस होंगे : इस मैच को देखने के लिए पहुँचे दर्शकों को क्रिकेट के रोमांच से भले ही मरहूम होना पड़ा हो लेकिन दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन ने घोषणा की है कि वह पैसे देकर खरीदे गए मैच के टिकट की राशि वापस लौटाएगा। ऐसे में उन लोगों को यह पात्रता नहीं होगी, जिन्हें कॉम्पिलिमेंट्री टिकट दिए गए थे और जिनके पीछे नॉट फॉर सेल लिखा गया है। (भाषा/वेबदुनिया)