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क्रिकेट के कोहिनूर हैं मुरली-शेन वॉर्न

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नई दिल्ली , बुधवार, 7 जुलाई 2010 (22:47 IST)
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लेग स्पिन गेंदबाजी के बेताज बादशाह रहे शेन वॉर्न और ऑफ स्पिन किंग मुथैया मुरलीधरन के बीच प्रतिद्वंद्विता एक जमाने में जगजाहिर थी लेकिन अब जब मुरली भारत के खिलाफ गाले टेस्ट के बाद संन्यास लेने जा रहे हैं तो वॉर्न का कहना है कि मुरली क्रिकेट के ऐसे कोहिनूर हैं जिन्हें दुनिया वर्षों तक याद रखेगी।

मुरली के संन्यास लेने के फैसले पर वॉर्न ने अपना सर्वाधिक विकेटों का विश्व रिकॉर्ड तोड़ने वाले इस श्रीलंकाई गेंदबाज के बारे में अपना दिल बाहर निकालते हुए कहा कि मुझे लगता है कि मुरली खेल के ऐसे दौर में पहुँच चुके थे, जहाँ खेल के प्रति भूख और मजा लेने का जज्बा कहीं-कहीं थोड़ा कम होने लगता है और आपका शरीर भी कहने लगता है कि बस बहुत हो चुका।

वॉर्न ने कहा लेकिन वह क्रिकेट के खेल के अनमोल खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने अपने देश के लिए जो कुछ हासिल किया है वह निश्चित ही न केवल श्रीलंका के लिए बल्कि उनके लिए भी गर्व की बात है। ऑस्ट्रेलिया के वॉर्न ने कहा कि मुरली के चेहरे पर हमेशा एक मुस्कराहट बनी रहती थी। जिस दौरान उनके गेंदबाजी एक्शन पर संदेह किया जाता था उस समय भी उनके चेहरे से मुस्कराहट कभी गायब नहीं हुई।

हालाँकि इस तरह की चीजें कभी खत्म नहीं होंगी लेकिन इन हालात में जिस तरह से उन्होंने खुद को संभाला उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उल्लेखनीय है कि मुरली के गेंदबाजी एक्शन पर सबसे ज्यादा सवाल ऑस्ट्रेलिया में ही खडे़ किए गए थे और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड ने तो एक समय उन्हें 'चकर' ही कह डाला था। मुरली पर उनके करियर की सबसे ज्यादा छींटाकशी ऑस्ट्रेलिया में हुई थी।

वॉर्न ने मुरली के संन्यास के फैसले पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब वह संन्यास लेने जा रहे हैं तो मेरा मन करने लगा है कि मैं संन्यास से बाहर आ जाऊँ और मुरली का रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश करे। मुरली के नाम टेस्ट में 792 विकेटों का विश्व रिकॉर्ड है।

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वॉर्न ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर होने और लंबे समय तक खेलने के दौरान इस तरह की चीजें आपके साथ होती रहती हैं लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप इनसे कैसे निपटते हैं। मुरली के मामले में मुझे लगता है कि उनका कुछ ऐसा असामान्य एक्शन था, जिससे हमेशा से ही लोगों के मन में संदेह उत्पन्न होता रहता है।

उन्होंने साथ ही कहा कि यदि उनका सामान्य एक्शन होता तो शायद उनके बारे में कोई कभी इतनी बात नहीं करता। आपके बारे में तभी ज्यादा बातें होती हैं जब आप औरों से अलग होते हैं। लोग चाहे कुछ भी सोंचे लेकिन मेरा मानना है कि वह खेल के लिए हमेशा एक शानदार खिलाड़ी रहे।

लेग स्पिनर ने कहा कि मैं हमेशा उन्हें एक मित्र मानता रहा। मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूँ। हमारे बीच एक स्वस्थ प्रतिद्वंद्विता होती है। जब आप विश्व क्रिकेट के महान बल्लेबाजों की बात करते हैं तो कुछ लोग कहते हैं सचिन तेंडुलकर और मैं भी यही बात कहता हूँ, मगर कुछ लोग ब्रायन लारा को भी श्रेष्ठ मानते हैं। मैं और मुरली पिछले दस वर्षों में गेंदबाजों में हमेशा शीर्ष पर रहे। बाकी सोचना तो लोगों का व्यक्तिगत काम है।

वॉर्न ने कहा 1980 के दशक में तेज गेंदबाजों का दबदबा रहा था, लेकिन उसके बाद मैंने, अनिल कुंबले, मुरली, सकलैन मुश्ताक और मुश्ताक अहमद ने स्पिन गेंदबाजी को एक नयी दिशा और सम्मान दिया। 1990 के दशक के मध्य में आधा दर्जन आला दर्जे के स्पिनर थे। उन्होंने कहा कि लेकिन अब मुरली के संन्यास के बाद स्पिन का एक युग समाप्त हो जाएगा। (भाषा)

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