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खिलाड़ियों को सहयोग करना होगा:आईसीसी

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जोहानसबर्ग , बुधवार, 1 सितम्बर 2010 (17:53 IST)
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी हारुन लोर्गट ने कहा कि अगर पाकिस्तान के तीन क्रिकेटरों के खिलाफ ‘स्पॉट फिक्सिंग’ के आरोप सही साबित होते हैं तो वह ‘निरुत्तर’ हो जाएँगे। उन्होंने हालाँकि इस आलोचना को खारिज कर दिया कि इस प्रकरण से खेल में भ्रष्टाचार से निपटने की वैश्विक संस्था की विफलता उजागर हुई है।

‘स्पॉट फिक्सिंग’ प्रकरण के बीच संक्षिप्त समय के लिए देश लौटने वाले लोर्गट ने केपटाउन इवाई अड्डे पर कहा कि इस तरह के मामलों से बचने के लिए खिलाड़ियों को मदद करनी होगी।

लोर्गट ने कहा हमने भ्रष्टाचारी लोगों की पहचान की है और खिलाड़ियों को उनसे दूर रहने की सलाह दी है। हमें खिलाड़ियों के सहयोग की जरूरत है। उन्हें हमारी बात सुननी होगी और अनुशासन में रहना होगा।

उन्होंने कहा हमने काफी कदम उठाए हैं। आम तौर पर यह काम करते हैं। खिलाड़ियों से संपर्क की कई घटनाओं की जानकारी दी जाती है और इस पर आगे की कार्रवाई होती है।

लोर्गट ने कहा कि सट्टेबाजी पर रोक लगाना आईसीसी का काम नहीं है और वह सिर्फ खिलाड़ियों और अधिकारियों को इससे दूर रहने के लिए कह सकता है।

लोर्गट के अनुसार सट्टेबाजी गतिविधियाँ चलती रहेगी लेकिन हमारी चिंता तब है जब खिलाड़ी और मैच अधिकारी इससे जुटे हों। खेल के बाहर जो होता उसमें हमारी दिलचस्पी नहीं है लेकिन इसे खेल से दूर रखने के लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे।

लोर्गट ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह साबित करे कि पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेला गया टेस्ट मैच फिक्स था जैसा कि सट्टेबाज मजहर मजीद ने दावा किया है।

यह पूछने पर कि मैच फिक्सिंग के दोषी क्रिकेटरों के पर आजीवन प्रतिबंध उपयुक्त सजा होगी? लोर्गट ने कहा कि आईसीसी (मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग) दोषियों के खिलाफ कोई नरमी नहीं दिखाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर जिम्मेदारी है कि खेल पर भरोसा फिर बनाया जाए। अगर जरूरत पड़ी तो हमें अतिरिक्त कदम भी उठाने होंगे लेकिन सुनिश्चित करना होगा कि इस भरोसा को दोबारा बनाने के लिए आईसीसी हरसंभव प्रयास करेगा। (भाषा)

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